पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होते ही भारी बवाल मच गया। औराई के विधायक एवं पूर्व मंत्री रामसूरत राय का टिकट कटने से नाराज उनके समर्थक भाजपा कार्यालय पहुंचे और जम कर हंगामा किया। इस दौरान लोगों ने गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय पर पैसा लेकर टिकट दूसरे को देने और रामसूरत राय का टिकट काटने का आरोप लगाया।
पूर्व मंत्री रामसूरत राय के समर्थकों ने कहा कि औराई विधानसभा के लिए रामसूरत राय विकास पुरुष हैं। औराई विधानसभा सीट पर कभी भाजपा की जीत नहीं होती थी लेकिन रामसूरत राय ने पहली बार इस सीट पर कमल खिलाया। ये क्षेत्र की जनता के लिए लगातार तत्पर रहते थे और अच्छा काम करते थे लेकिन गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अपना कद बचाने के लिए इनका टिकट कटवा दिया। लोगों ने आरोप लगाया की नित्यानंद राय ने 8 करोड़ रूपये में औराई विधानसभा सीट का टिकट बेचा है। लोगों ने कहा कि पार्टी को अपना निर्णय वापस लेना होगा और हमलोग हर हाल में टिकट लेकर ही लौटेंगे। अगर टिकट नहीं दिया गया तो फिर हमलोग सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे।
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वहीं दूसरी तरफ मधुबनी के राजनगर के सीटिंग विधायक रामप्रीत पासवान का टिकट कटने के बाद उन्होंने भी मोर्चा खोल दिया है। रामप्रीत पासवान ने कहा कि RJD छोड़कर मैंने राजनगर में भजपा को अपने खून पसीने से सींच कर स्थापित किया और आज मेरा ही टिकट काट दिया गया। मेरे साथ यह अच्छा नहीं हुआ है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर भी सवाल उठाया और कहा कि पार्टी में सामान्य वर्ग के लोग बड़े बड़े पद लेते हैं। एक बार नहीं चार चार बार मंत्री बनते हैं और दलित समाज के लोगों को लॉलीपॉप थमा दिया जाता है।
रामप्रीत पासवान ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कृष्णनंदन पासवान को गन्ना उद्योग विभाग दिया गया। पार्टी को एक बड़े चेहरा के रूप में चिराग पासवान मिल गए हैं तो अब दूसरे चेहरे को तरजीह नहीं दी जा रही है। भाजपा को पासवान चेहरा पसंद नहीं है यही वजह है कि हमारा टिकट काटा गया। जब कोई नहीं मिलता है तो किसी को भी खोज कर पार्टी टिकट दे देती है लेकिन पसंद नहीं करती है।
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