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खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बिहार में भारी निवेश, मिलेगा हजारों रोजगार - केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान

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Patna - बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 के परिपेक्ष्य में आयोजित फूड प्रोसेसिंग इन्वेस्टर मीट में देश दुनिया के बड़े निवेशकों ने न केवल भाग लिया बल्कि राज्य में निवेश की इच्छा भी जताई। राजधानी पटना के होटल ताज में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री  चिराग पासवान मुख्य अतिथि के रूप में और राज्य के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना व विभाग के शीर्ष अधिकारी भी समारोह में शामिल हुए।

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बिहार की बदलती तस्वीर के बारे में बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा, "बिहार में अनंत संभावनाएं हैं जिसका पूर्ण इस्तेमाल करने के लिए सरकार तत्परता से काम कर रही है। विकसित भारत बनने का सपना साकार करने में बिहार की बड़ी भूमिका होगी, यदि हम यहां उपस्थित अवसरों का लाभ उठाने में सफल हुए। हमारा समाज तेजी से बदल रहा है, जिसमें प्रोसेस्ड फूड की मांग लगातार बढ़ने वाली है। ऐसे में इस क्षेत्र में निवेश का यह सबसे अच्छा समय है। बिहार बहुत सारे उत्पादों, जैसे लीची व मखाना का प्रमुख उत्पादक है, जिसका इस्तेमाल कर निवेशक अपने बिजनेस को बढ़ा सकते हैं और किसानों की आय बढ़ाने के राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों में सक्रिय योगदान दे सकते हैं। केंद्र सरकार और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय बिहार और निवेशकों को हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।" 

इस कार्यक्रम में 14 LOIs (आशय पत्रों) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें 2,181 करोड़ के निवेश और 4,175 नई नौकरियों के सृजन की बात की गई है। ये LOI बिहार के कृषि-औद्योगिक क्षेत्र को और उच्च स्तर तक ले जाने के इरादे को दर्शाती है। प्रमुख निवेशों में Grus & Grade प्राइवेट लिमिटेड की पूरी तरह से स्वचालित हाई-टेक पोहा प्लांट और जैव-ईंधन उत्पादन व अन्य पहलों के लिए 905 करोड़ की परियोजनाएं शामिल है। 

इसके अलावा SLMG बेवरेजेज की 700 करोड़ की कोका-कोला बॉटलिंग यूनिट, और बाबा एग्रो फूड की 160 करोड़ की हाई-टेक आटा मिल भी शामिल है। साथ में आनंद डेयरी का 50 करोड़ का डेयरी प्लांट, मधुबनी मखाना प्राइवेट लिमिटेड की ₹25 करोड़ की मखाना प्रसंस्करण इकाई, और Neeramay फूड्स की ₹27 करोड़ की बिस्किट निर्माण फैसिलिटी जैसी परियोजनाएं भी शामिल हैं। ये परियोजनाएं बिहार के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को नई ऊंचाई तक ले जाने, निर्यात को प्रोत्साहित करने और स्थानीय रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी।

राज्य सरकार के प्रयासों और बिहार में निवेशकों के अनुकूल परिस्थितियों के बारे में बात करते हुए नीतीश मिश्रा ने कहा, "बिहार लगातार उन्नति के पथ पर अग्रसर है। इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर बिजनेस पार्क के विकास तक हमारी सरकार बिहार की तरक्की को लेकर समर्पित है। राज्य अभी निवेश के लिए सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है। निवेशकों रुचि और सरकार की तत्परता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ महीनों में हमने 5500 करोड़ के निवेश की स्वीकृति दी है। साथ ही हमने सब्सिडी और इंसेंटिव का लाभ निवेशकों को बड़ी आसानी से उपलब्ध कराया है। बिहार में निवेश करके निवेशक आस पास के देशों के बाजार का भी लाभ उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए बिहार से भारत का लगभग 50 हजार करोड़ का निर्यात होता है।"

राज्य में निवेशकों की बढ़ती रुचि के बारे में बात करते हुए, अमृत लाल मीना ने कहा, "बिहार की कृषि योग्य अनुकूल भूमि और उन्नत कृषि निवेशकों को बहुत बड़ा अवसर प्रदान करती है। नीतियों में अनुकूल सुधार और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट पर फोकस के साथ हम एक मजबूत इकोसिस्टम के निर्माण के लिए समर्पित हैं जो आर्थिक विकास को गति देगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अनेकों अवसर पैदा करेगा।"

इस कार्यक्रम के माध्यम से राज्य सरकार ने बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की बदलती तस्वीर को प्रदर्शित किया। इसके साथ ही सरकार ने अपनी उद्योग अनुकूल नीतियों, पहलों, और राज्य में मौजूद अवसरों से भी निवेशकों को अवगत कराया। 

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