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छठ महापर्व के खरना का प्रसाद ग्रहण करने क़े बाद व्रतियों का निर्जला उपवास शुरू..

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Desk -लोक आस्था का महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान का आज दूसरा दिन है और इस दिन को खरना कहते हैं इस अनुष्ठान के दूसरे दिन आज छठव्रती साठी चावल की खीर और रोटी और केला का महाप्रसाद बनाती है। और इस महाप्रसाद को भोग लगाकर ग्रहण किया जाता है और लोगों में इस महाप्रसाद का वितरण किया जाता है। खरना के अवसर पर लोग एक दूसरे के घर जाकर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं और व्रतियों से आशीर्वाद ले रहे हैं.

छठ महापर्व के चार दिवसीय इस अनुष्ठान में साफ सफाई और शुद्धता का ध्यान रखा जाता है तथा सभी मौसमी नए फलों का का प्रयोग किया जाता है छठ पर्व में सभी चीज नई होती हैं जिसमें दौरा कल सूप से लेकर सभी नए मौसमी फल आलता पत्र का भी प्रयोग होता है। खरना के इस प्रसाद को काफी शुद्धता के साथ प्राचीन विधि से मिट्टी के परंपरागत बर्तनों और मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी की आग पर बनाया जाता है।

गौर तलब है कि सूर्य उपासना का यह अलौकिक छठ महापर्व काफी शुद्धता का पर्व होता है और छठ व्रतियों के लिए यह काफी तपस्या वाला व्रत होता है क्योंकि आज पंचमी की शाम को महाप्रसाद ग्रहण करने के बाद छठव्रती लगातार 36 घंटे के निर्जला उपवास पर रहेंगे और सप्तमी की सुबह उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घय देने के बाद ही छठव्रती अन्य जल ग्रहण करेंगे।

 छपरा से पंकज की रिपोर्ट 

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