पटना: पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद NDA से अलग हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस महागठबंधन का हिस्सा बन गए हैं। हालांकि महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर अब तक उनसे कोई राय तक नहीं ली गई है लेकिन उनकी पार्टी अभी तक इंतजार कर रही है कि उन्हें सम्मानजनक सीट दी जाएगी। महागठबंधन में लगातार हो रहे उपेक्षा की वजह से अब पारस और उनकी पार्टी के नेता अब अपना धैर्य खोने लगे हैं। इसके साथ ही रालोजपा बिहार में चिराग पासवान को नुकसान पहुँचाने का भी मन बन लिया है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ये कह रहे हैं पशुपति पारस की पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल। श्रवण अग्रवाल ने कहा कि RLJP की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में इस बात पर मुहर लग चुकी है कि 100 प्रतिशत के स्ट्राइक रेट को 0 प्रतिशत में बदलना है।
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उन्होंने महागठबंधन पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि अब तक एक भी बैठक में हमें आमंत्रित नहीं किया गया है, ऐसे में हम किसी के बाराती नहीं हैं। हमारे पास सभी 243 सीटों पर मजबूत संगठन और उम्मीदवार हैं। अगर हमें महागठबंधन से सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती है तो फिर हम सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं। श्रवण अग्रवाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनें लेकिन अगर हमारी बात नहीं बनी तो फिर हम अकेले चुनाव लड़ेंगे और चिराग पासवान की पार्टी लोजपा(रा) के उम्मीदवारों के विरुद्ध अपने उम्मीदवार उतारेंगे। इसके साथ ही उन्होंने NDA को पांडव बताते हुए कहा कि पांडवों के बीच महाभारत चल रही है। चिराग से लेकर मांझी और कुशवाहा तक, सभी की मांगों की वजह से असहज स्थिति बनी हुई है। रालोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने महागठबंधन के नेताओं से सीट शेयरिंग पर जल्द ही फैसला लेने की अपील की।