Bettiah - अपने इलाके में साफ सफाई एवं अन्य व्यवस्था में कमी से नाराज बेतिया की महापौर गरिमा देवी नया अधिकारियों को कर पत्र लिखा है. नगर निगम क्षेत्र की साफ सफाई व्यवस्था में लापरवाही, धांधली और लुट की छूट जैसी स्थिति को लेकर उन्होंने नगर आयुक्त विनोद कुमार सिंह को कड़ा पत्र लिख कर नगर निगम प्रशासन की कार्यशैली में सुधार का निर्देश दिया है।
महापौर गरिमा सिकारिया ने अपने संबंधित पत्र में स्थिति और प्रशासनिक उदासीनता का विस्तार से उल्लेख किया है। महापौर ने स्पष्ट किया है कि विभागीय आदेश के आलोक में नगर निगम की सशक्त स्थयी समिति द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त सफाई व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए दो-दो बार निर्देशित किया है। उन्होंने नगर आयुक्त को स्मारित करते हुए बताया है कि विगत 20 नवंबर 2024 को संपन्न बैठक नगर आपकी सहमति के बाद सर्व सम्मति से हुए निर्णय में एक दिसंबर 2024 से ही "पगार" ऐप आधारित बायोमेट्रिक हाजिरी और सफाईकर्मी की पहचान के आधार पर ही मानदेय भुगतान का निर्णय हुआ था। बावजूद इसके अब तक नगर निगम के अधिसंख्य वार्डों की साफ सफाई व्यवस्था में बड़े पैमाने पर धांधली और लूट बेरोक टोक जारी है। इधर बानूछापर के आकाश यादव के द्वारा विभागीय प्रधान सचिव को नगर निगम के वार्ड 02, 03, 22, 29 और 40 आदि वार्डों के पार्षदगण द्वारा अपने सगे संबंधी और करीबियों को सफाई कर्मी बनाकर बड़े पैमाने पर लूट खसोट की शिकायत की गयी है। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विभाग के अवर सचिव राजीव रंजन तिवारी ने इसको लेकर त्वरित जांच करने का आदेश दिया है।बावजूद इसके सक्षम निकाय द्वारा निर्देशित करने के करीब चार माह बाद भी लाखों के संबंधित फर्जीवाड़ा पर महीनों बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है।
महापौर ने आगे लिखा है कि नगर निगम के सफाई कर्मियों की हाजिरी अचूक रूप से"पगार" ऐप पर आधारित और बायोमेट्रिक अटेंडेंस का सक्षम सत्यापन के बाद ही सफाईकर्मियों के मानदेय राशि का भुगतान किया जाय। इसको लेकर महापौर ने नगर आयुक्त को याद दिलाया है कि नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति की बीते 28 फरवरी 2024 की बैठक में नगर प्रबंधक के पगार ऐप के लागू करने के प्रस्ताव पर डेमो कराने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था। जिसके बाद भी तत्कालीन नगर आयुक्त के पत्रांक 1727 दिनांक 24 जुलाई 2024 के आलोक में संपन्न डेमो प्रदर्शन के आधार पर बीते 25 जुलाई 2024 को ही संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र में "पगार" फेस ऐप के बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर आधारित सफाई व्यवस्था प्रबंधन और सफाई कर्मियों के लिए भी को शत प्रतिशत प्रभावी बनाने का निर्णय हुआ था। उनके चार महीने बाद भी निर्णय को लागू नहीं किया जा सका है।
महापौर ने अपने पत्र में लिखा है कि विभाग और सशक्त स्थायी समिति के सख्त आदेश के बावजूद इसको गंभीरता से नहीं लेना नगर निगम प्रशासन की नियत पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। यह हमारे लिए अत्यंत खेद चिंता का विषय है। महापौर ने यह भी बताया है कि नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों के स्थल निरीक्षण में जगह जगह कूड़ा कचड़ा पसरा मिलने के साथ सम्पूर्ण नगर निगम क्षेत्र में साफ सफाई व्यवस्था लचर पाई गई है। अपने पत्र की प्रति सिकारिया द्वारा जिलाधिकारी और विभागीय प्रधान सचिव को भेज कर नगर निगम क्षेत्र की साफ सफाई व्यवस्था में मची लाखों की लूट पर संज्ञान में लेने का अनुरोध किया है।
बेतिया से आशीष की रिपोर्ट