पटना: बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध रूप से कारोबार और पिने पिलाने का सिलसिला जारी है। इस सिलसिले पर प्रशासन अक्सर कार्रवाई भी करता है। केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शराबबंदी को एक बेहतर कानून बताया लेकिन इसके क्रियान्वयन पर सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी की समीक्षा की फिर से मांग कर दी है।
मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लागू किया गया शराबबंदी कानून काफी बेहतर है, इससे घरेलू हिंसा समेत कई तरह के फायदे हैं और इसका सबसे अधिक फायदा गरीब लोगों को मिल रहा है लेकिन वही गरीब लोग ही इस कानून का शिकार भी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी मांग पर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने शराबबंदी की तीसरी समीक्षा की थी एक बार फिर से इसकी समीक्षा की जरूरत है और वैसे गरीब लोगों के लिए जो दिहाड़ी मजदूरी करते हैं कुछ छुट देने की आवश्यकता है।
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केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी के बावजूद नेता, अधिकारी और अन्य बड़े लोग जिनके पास पैसे हैं वे महंगी शराब खरीद कर रखते हैं और देर रात पी कर सो जाते हैं लेकिन जब कोई गरीब आदमी दिन भर मेहनत करता है और थकान मिटाने के लिए थोड़ी बहुत पी लेता है या पीने के लिए लेकर घर जाता है तो पुलिस उसे पकड़ कर बंद कर देती है। एक तो वे लोग पहले से गरीब हैं और मजदुर हैं दूसरा थोड़ी सी शराब पीने के जुर्म में पुलिस उन्हें पकड़ लेती है। ऐसे लोग जो अपनी थकान मिटाने के लिए थोड़ी बहुत शराब पीते हैं या लेकर घर जाते हैं उन्हें पुलिस नहीं पकडे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो बेहतर कानून बनाया है लेकिन उसके क्रियान्वयन में काफी अनियमितता बरती जा रही है।
उन्होंने एक वाकये का भी जिक्र किया और कहा कि मेरा घर गांव में थाना के समीप है। हमलोग काफी दिनों तक नहीं गए थे तो उसमें गंदगी हो गई थी जिसे जब हम साफ करवा रहे थे तो उसमे से भारी मात्रा में शराब बरामद हुआ था, जिसे हमने फेंकवा दिया था। बाद में वह जिसका था उसने कहा कि हमारा 12 हजार रूपये बर्बाद हो गए। अब सोच लीजिये कि थाना के बगल में इस तरह से अवैध शराब का कारोबार हो रहा है लेकिन पुलिस को पता भी नहीं है तो कानून गलत नहीं है बल्कि क्रियान्वयन गलत तरीके से किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से गरीब लोगों को शराब पीने की छूट दिए जाने की मांग की।
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