पटना: बिहार में नई सरकार के गठन और मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे के बाद शनिवार और सोमवार को अधिकतम मंत्रियों ने अपने विभाग का पदभार ग्रहण कर लिया है। सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने भी पदभार ग्रहण किया। पदभार लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पहले मुख्यमंत्री समेत अन्य वरीय नेताओं और जनता का आभार जताया तो दूसरी तरफ उन्होंने बड़ा एलान कर दिया।
मीडिया से बात करते हुए श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार की जनता ने जो जनादेश दिया उसका सम्मान करता हूं और अपने क्षेत्र नालंदा जहां से मैं 8वीं बार जीत कर आया हूं, उनके प्रति भी अपना आभार प्रकट करता हूँ कि उन्होंने एक बार फिर मेरे ऊपर भरोसा जताया। मुख्यमंत्री ने लगातार सातवीं बार ग्रामीण विकास विभाग का जिम्मा मुझे दिया है, मैं उनके भरोसे को कभी टूटने नहीं दूंगा। हमारे पास अधिकारियों की एक टीम है और वे लोग लगातार बेहतर काम ग्रामीण विकास विभाग को ऊंचाई पर ले गए। मैं उन्हें भी धन्यवाद् देता हूँ।
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि हम अपने लक्ष्य की तरफ लगातार बढ़ रहे हैं। हमारे लिए गरीबों का घर एक बड़ी चुनौती है। हमें भारत सरकार ने निर्देश दिया था कि मैं आवास विहीन लोगों का सर्वे कराएं। भारत सरकार ने 1.90 करोड़ आवासहीन लोगों की जानकारी हमें भेजा है। भारत सरकार से जैसे जैसे स्वीकृति मिल रही है, हम लोग राज्य के गरीबों के लिए वैसे ही काम आगे बढ़ाएंगे। मैं प्रधानमंत्री और भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री को भी धन्यवाद देते हैं कि हमारे पास जो लक्ष्य था, सूची थी उसके अनुसार 13 लाख 10 हजार लोगों को एक बार में घर बनाया गया।
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मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि हमारे लिए गांव के मजदूर को काम देना भी एक चुनौती है और हमने पिछले 2-3 वर्षों में काफी काम किया है और हम पलायन रोकने की पूरी कोशिश में जुटे हैं। हम मनरेगा के माध्यम से सबको काम दे रहे हैं। हम चुनौतियों का सामना करते हुए लगातार आगे बढ़ रहे हैं। देश में हमारा राज्य छोटा राज्य जरुर हो सकता है लेकिन देश भर में बिहार में सबसे अधिक जीविका कर्मी और समूह हैं। अभी तक 11 लाख से अधिक जीविका समूहों का गठन हो चुका है।
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि अभी तक हमने 1.51 करोड़ महिलाओं के खाते में स्वरोजगार के लिए 10-10 हजार रूपये भेज दिए हैं लेकिन कुछ विरोधी कहते हैं कि यह चुनाव के समय की योजना है। मैं कहता हूँ कि यह चुनाव के समय की योजना नहीं है बल्कि ये सतत जीविकोपार्जन योजना जीविका के माध्यम से चलाई जा रही है। बिहार में जो लोग शराब और ताड़ी बेच का गुजर बसर करते थे यह उनके लिए योजना थी। इनके साथ ही हमने हासिये पर खड़े परिवारों को भी चिह्नित किया और, जिनके घर में कमाई करने वाला कोई नहीं है, उन्हें भी हमने चिह्नित किया और 2 लाख से अधिक परिवारों को चिह्नित कर हमने उन्हें 1 रूपये से लेकर दो लाख रूपये तक सरकार की तरफ से स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। हमने उन्हें सिर्फ पैसे ही नहीं दिए बल्कि उन्हें टेक्निकल सपोर्ट भी दिया, समीक्षा भी की कि जिस काम के लिए हम पैसा दे रहे हैं वह सही से चल रहा है या नहीं।
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श्रवण कुमार ने कहा कि हम रोजगार के लिए पैसे तो दिए ही, साथ ही अगले सात महीने तक घर चलाने के लिए भी 1-1 हजार रूपये दिए ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। मैं बड़े गर्व से कह सकता हूँ कि बिहार के जीविका समूहों से जो भी महिलाएं जुडी हैं उन्हें आज दो समय की रोटी के लिए, बच्चों की पढाई, दवाई या अन्य किसी जरूरत के लिए सोचना नहीं पड़ रहा है। यह देश का पहला राज्य है जहां महिलाओं को इतना सशक्त बनाया गया है और आगे भी हमलोग काम कर रहे हैं। अगले 5 वर्षों में हम और भी बेहतर परिणाम देंगे। हमारे विभाग के अधिकारियों की टीम बहुत ही अच्छा काम कर रही है।
इस दौरान मंत्री श्रवण कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अभी हमने 1.51 करोड़ महिलाओं को 10-10 हजार रूपये रोजगार शुरू करने के लिए दिया है। जब वे लोग रोजगार शुरू कर लेंगे और अच्छे से चलाएंगे तो उन्हें और भी राशि दी जाएगी। जिन्हें जितनी जरूरत होगी उन्हें उस के हिसाब से दो लाख रूपये तक दिए जायेंगे।
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