पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ का चंडीगढ़ में हुआ कॉन्सर्ट तो आपको याद ही होगा. इस कॉन्सर्ट को लेकर विवाद शुरू हो गया है. साथ ही कहा जा रहा है कि, मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. जानकारी के मुताबिक, इस मामले की बुधवार, 18 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। 14 दिसंबर के कॉन्सर्ट को लेकर जिला प्रशासन ने ऑर्गनाइजर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया. साथ ही इस मामले में हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश की. साथ ही प्रशासन ने सिफारिश की कि जिन्होंने भी उल्लंघन किया है, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए.
वहीं, जिला (चंडीगढ़) प्रशासन की ओर से हाई कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की गई. इसके मुताबिक, शनिवार (14 दिसंबर) को आयोजित दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के दौरान, विभिन्न स्थानों पर शोर के स्तर की निगरानी की गई, और यह देखा गया कि शोर का स्तर ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के तहत निर्धारित सीमा से अधिक था. इसे देखते हुए तुरंत ही पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत एक्शन की मांग की.
मालूम हो कि दिलजीत दोसांझ का 14 दिसंबर का कॉन्सर्ट रोकने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, पर कोर्ट ने कॉन्सर्ट की इजाजत दे दी थी. लेकिन, साथ ही यह भी कहा था कि निर्धारित शोर सीमा का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. दिलजीत के कॉन्सर्ट में शोर की आवाज 75 dB से ऊपर नहीं जानी चाहिए थी, पर बताया जा रहा है कि यह 80dB से भी ऊपर पहुंच गई थी। कोर्ट की तरफ से कहा गया था कि अगर इसका उल्लंघन हुआ तो कार्रवाई की जा सकती है.
इधर, जिला प्रशासन की रिपोर्ट की माने तो, शोर के स्तर की जांच करने के लिए तीन कमेटियां बनाई गई थीं. इन्होंने चेक किया कि दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के दौरान स्टेज पर कितनी आवाज थी. इसकी रिपोर्ट 17 दिसंबर को सौंपी गई. रिपोर्ट में सामने आया कि शोर 82dB से अधिक पहुंच गया था, और इसके बाद ऑर्गनाइजर्स को नोटिस भेजा गया. मालूम हो कि दिलजीत दोसांझ कॉन्सर्ट के ऑर्गनाइजर्स की तरफ से वकील अक्षय भान और चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से अमित मांझी हाई कोर्ट में पेश हुए थे. तो वहीं अब इस केस की सुनवाई 9 जनवरी को की जाएगी.