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बंग्लादेश में हिन्दुओ पर अत्याचार अविलंब बन्द हो:- सन्तोष सिसौदिया

VHP on virodh pradarshan

बंग्लादेश में हिन्दुओ पर अत्याचार अविलंब बन्द हो:- सन्तोष सिसौदिया

 पटना में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल मातृशक्ति के द्वारा बंगलादेश में हो रहे हिन्दुओ पर अत्याचार को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया।सैकड़ो की संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओ ने बंगलादेश के प्रशाशन व हिन्दू नेता की गिरफ्तारी  के विरुद्ध नारे  लगाए।विश्व हिंदू परिषद के प्रान्त मंत्री सन्तोष सिसौदिया ने बंग्लादेश  में हिन्दुओ पर अत्याचार की निंदा करते हुए कहा कि  विगत दिनों से लगातार हिन्दू समाज पर हो रहा हिंसा विश्व समुदाय के लिए भी चिंता करने वाला विषय हैं।बांग्लादेश प्रशासन द्वारा वहां के हिंदू नेता और इस्कॉन मंदिर के पुजारी की गिरफ्तारी पर आक्रोश व्यक्त करते हुए श्री सिसौदिया ने प्रशासन के द्वारा इस घटना को कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है। उन्होंने कहा है कि विश्व हिंदू परिषद,बजरंग दल प्रशासन की इस कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना का पुरजोर विरोध करती है। इस्कॉन ने या  हिंदू समाज के अन्य संगठनों ने अभी तक अपने उत्पीड़न के विरोध में जितनी भी कार्यवाहियां की हैं, समस्त लोकतांत्रिक तरीके से की हैं । किसी भी प्रकार की हिंसा का उन्होंने प्रतिहिंसा के रूप में अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया है। इस प्रकार के पूर्ण शांतिप्रिय और लोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने वाले समाज के किसी नेतृत्व को इस प्रकार से अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना एवं उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक है, अमानवीय है और हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन है! सन्तोष सिसौदिया ने आगे बताया कि  कि हम प्रारंभ से ही मांग कर रहे हैं कि बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपंथी कटटर इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे हैं।विश्व हिंदू परिषद केंद्र सरकार से भी आग्रह करती है कि इस घटना की गम्भीरता  को समझते हुए  बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए  ताकि हिंदुओं के और अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा की जाए, सुरक्षा की जाए। भारत सरकार का प्रति-उत्तर इस विषय में बहुत ही सावधानी पूर्वक और न्यूनतम रहा है। एक संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी भी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए उचित नहीं है परंतु, एक बड़े हिंदू समुदाय का इस प्रकार का उत्पीड़न पूरा विश्व, सारे पड़ोसी देश, भारत सरकार सिर्फ देखते रहे और कुछ भी कार्यवाही नहीं करें यह भी एक सीमा तक तो स्वीकार्य है लेकिन लंबे समय तक यह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता! विभाजन और उसके पश्चात् के नेहरू लियाकत समझौते के परिदृश्य में बांग्लादेश प्रशासन का विशेष कर्तव्य है कि अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दी जाय।विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि विश्व इन सब घटनाओं को संज्ञान में लेकर बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के उत्पीड़न को रोके। हम तुरंत प्रभाव से श्री चिन्मय कृष्ण दास प्रभु जी की रिहाई की मांग करते हैं और किसी भी हिंदू नेता को, हिंदू पुजारी को, धार्मिक गुरु को बिना पर्याप्त कारण के गिरफ्तार करने की किसी भी प्रकार की मानसिकता से बांग्लादेश सरकार बचे, यह अपेक्षा भी करते हैं। कार्यक्रम में राजेश रौशन,राहुल गौतम जी,सागर जी,अंकित जी ,शम्भू जी ,अर्जुन जी,अमित जी ,मुन्ना जी ,मधुबाला द्विवेदी,सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।




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