Katihar : कटिहार के दुर्गा मंदिर में बीते दिनों एक बेहद खास और यादगार शादी संपन्न हुई है। जिसने न सिर्फ इलाके के लोगों को चौंकाया, बल्कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती इस कहावत को भी साकार कर दिया है। दरअसल, कटिहार के रहने वाले डॉक्टर अनुभव शाश्वत ने रूस (रसिया) की रहने वाली अनस्तासिया से हिंदू रीति-रिवाजों के साथ पारंपरिक विवाह किया। सजे-धजे मंदिर में जब विदेशी बहू साड़ी पहनकर मंडप में पहुंची और सात फेरे लिए, तो हर कोई इस दृश्य को देख भावुक हो उठा। अनस्तासिया की भारतीय संस्कृति के प्रति आस्था, उसकी सादगी, और संस्कारों के प्रति सम्मान ने सबका दिल जीत लिया।
अनुभव शाश्वत ने बताया कि, साल 2017 में वह मेडिकल की पढ़ाई के लिए रूस गए थे। वहीं 2020 में कोरोना काल के दौरान उनकी मुलाकात अनस्तासिया से हुई। शुरुआत में दोनों के बीच दोस्ती हुई, फिर बातचीत बढ़ी और धीरे-धीरे वह दोस्ती गहरे प्रेम में बदल गई। पांच सालों तक एक-दूसरे को समझने के बाद अनुभव ने अनस्तासिया को जीवनसंगिनी बनाने का फैसला किया। लेकिन यह रास्ता आसान नहीं था।
अनुभव ने पहले अपने माता-पिता को इस रिश्ते के लिए तैयार किया। फिर अनस्तासिया को भारत बुलाया और दिल्ली में रहकर उसे भारतीय रीति-रिवाज, भाषा, भोजन और संस्कारों से परिचित कराया। अनस्तासिया ने भी पूरे मन से इन सब बातों को अपनाया। जब परिवार की रजामंदी मिली तो दोनों ने कटिहार के दुर्गा मंदिर में पूरे विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ शादी की। लाल साड़ी, हाथों में चूड़ियां, माथे पर सिंदूर और पाँव में बिछिया पहने अनस्तासिया ने भारतीय बहू की भूमिका बखूबी निभाई।
दूल्हे के माता-पिता ही नहीं, बल्कि पूरे मोहल्ले के लोग भी विदेशी बहू को देखकर बेहद खुश हैं। अनस्तासिया अब भारतीय परिवार का हिस्सा बन चुकी हैं और उनके आचरण ने यह साबित कर दिया कि, संस्कार किसी एक देश की बपौती नहीं होते, बल्कि उसे अपनाने वाला ही असली उत्तराधिकारी होता है।
कटिहार की यह अंतरराष्ट्रीय प्रेम कहानी अब इलाके में चर्चा का विषय है। यह सिर्फ दो दिलों का नहीं, बल्कि दो देशों, दो संस्कृतियों और दो परिवारों के बीच के प्यार और सम्मान का रिश्ता है।