बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि NDA और इंडी गठबंधन के बीच मौलिक अंतर वैचारिक प्राथमिकता का है । हम देश और दुनिया में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के विचार को लेकर जाते हैं वहीं इंडी गठबंधन के लोग खंडित भारत की सोच के साथ केवल सत्ता की चाभी अपने हाथ रखना चाहते हैं । लोकसभा और उसके बाद हुए चुनावों के जो नतीजे आए हैं । उससे स्पष्ट है कि देश जी जनता ने अपनी प्राथमिकता एक भारत सेफ भारत के पक्ष में तय कर दी है ।श्री सिन्हा ने कहा कि इंडी गठबंधन में जो भी नेता पूरे देश में साथ आए थे । सबमें दो सामान्य समानताएं हैं- एक तो सभी परिवारवादी है दूसरा यह कि सभी विभाजनकारी भाषा बोलते हैं । कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक और महाराष्ट्र से लेकर बंगाल तक इनमें ये समानताएं देखी जा सकती हैं । ये लोग जनता के बजाए अपने परिवार के विकास की चिंता में लगे हैं । इसलिए न कभी विकास का कोई विजन सामने रख पाए और न सकारात्मक विपक्ष के रूप में सामने आ पाए । अब तो हितों के टकराव में उलझकर इनका गठबंधन 'ताश के पत्तों' की तरह बिखरने के कगार पर है।श्री सिन्हा ने आगे कहा कि NDA की डबल इंजन के सरकारों ने बिहार सहित देश के हर हिस्से को सही मायने में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से मजबूत बनाकर दुनिया के सामने खड़ा किया है ।प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में पिछले 10 वर्षों में देश में जहां भी NDA की सरकारें हैं वहां गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के कल्याण को जीवन की गुणवत्ता से जोड़ा गया है । इसलिए राष्ट्रीय विकास की दृष्टि से प्रधानमंत्री मोदी प्राथमिकता ये चार जातियां गरीब, युवा, किसान और महिला हो गई है। गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण की सुरक्षा से जोड़ा गया । डिजिटल क्रांति सुगम, सरल और सस्ता बनाकर उसे आम लोगों से जोड़ा गया । युवाओं को ‘‘जॉब सीकर’’ से ‘‘जॉब क्रिएटर’’ बनाने पर बल दिया गया । महिला सशक्तिकरण की जगह महिलाओं के नेतृत्व में विकास पर जोर दिया गया । किसानों को कृषि-उद्यमी बनाने के प्रयास हुए । इन सभी योजनाओं को हमारी सरकार ने बिना भेदभाव और भ्रष्टाचार के देश के हर हिस्से में पहुंचाया है । इसलिए बार-बार हमें जनादेश का आशीर्वाद जनता दे भी रही है ।