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पथ निर्माण कार्य में भारी अनियमितता,बख्से नहीं जाएंगे दोषी: विजय सिन्हा

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गया जिला अन्तर्गत कई पथों के निर्माण में भारी गडबडी पायी गई है। इस बात की जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि पथ के निर्माण में उपयोग किये गये स्टोन चिप्स मानपुर, गया खदान में अनुपलब्ध बताकर पाकुड़, झारखंड से अतिरिक्त ढुलाई लागत का आवेदन संवेदक द्वारा विभाग को दिया गया था। विभाग स्तर से इसकी स्वीकृति भी दी गई। अतिरिक्त ढुलाई लागत के रूप में 26 करोड़ से अधिक राशि का भुगतान किया गया है। यह भुगतान तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री वर्तमान नेता प्रतिपक्ष के कार्यकाल में किया गया है। 

उन्होंने कहा कि स्टोन चिप्स की ढुलाई मानपुर, गया के स्थान पर पाकुड़ झारखंड से प्राप्त किये जाने का मामला संदिग्ध लगने पर मैंने मामले की जाँच के आदेश दिये थे। जिला खनन पदाधिकारी, पाकुड़ झारखण्ड द्वारा स्पष्ट रूप से यह तथ्य प्रतिवेदित किया गया है कि इन पथों के लिए स्टोन चिप्स नहीं उपलब्ध कराये गये थे। जिला खनन पदाधिकारी, पाकुड़ के प्रतिवेदन से स्पष्ट हो गया कि संवेदक और विभागीय अभियंताओं की मिलीभगत से सरकार को 26 करोड़ से अधिक की वित्तीय क्षति हुई है। यह अत्यंत गंभीर मामला है। संवेदक का इतनी बड़ी राशि का अवैध विपत्र प्रस्तुत करने का दुस्साहस बिना संरक्षण के संभव प्रतीत नहीं होता है। मेसर्स राजा कंस्ट्रक्शन गया के द्वारा विभाग में किए गए सभी कार्यों की जाँच करायी जाएगी।  दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई होगी और संवेदक के विरूद्ध भी प्रक्रिया का पालन कर संवेदक को काली सूची में डाले जाने की कार्रवाई पर भी विचार होगा। 

उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार भ्रष्टाचार के विरूद्ध जिरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करती है। इस मामले से एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष के कार्य-कलापों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है। राजनीति के माध्यम से अकुत सम्पत्ति अर्जित करने में कई माहिर लोग हैं। राज्य के वित्तीय संसाधन को 26 करोड़ रूपये की हानि पहुँचाने वाले बख्शे नहीं जायेंगे। संवेदक के संरक्षकों की भी पहचान की जायेंगी।

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