पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। जीतन राम मांझी कभी सरकार के क्रियाकलापों पर सवाल खड़ा कर देते हैं तो कभी अपने ही गठबंधन के विरुद्ध बोलने लग जाते हैं। एक बार फिर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपने बेटे और गठबंधन NDA पर सवाल खड़े कर दिए। हालांकि वे अपने दिल की बात कार्यकर्ताओं के सामने रख रहे थे जो अब एक सियासी मुद्दा बन गया है।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की सफलता पर कार्यकर्ताओ के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी पार्टी ने मात्र 6 सीटों पर चुनाव लड़ा। हमें मात्र 6 सीटें इसलिए मिली क्योंकि हमारी पार्टी का नेतृत्व ही कमजोर है। अगर दूसरी पार्टी के नेताओं की तरह हमारी पार्टी के नेतृत्वकर्ता भी अधिक सीटों की मांग पर अड़ जाते तो फिर गठबंधन झक मार कर कम से कम 20-25 सीटें जरुर दे देता लेकिन हमारे नेतृत्व के मुंह से नहीं निकला। गठबंधन ने जो दे दिया उसी में संतोष कर लिया।
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केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि यह सिर्फ अध्यक्ष की गलती नहीं है, और भी लोग है। उन्होंने अपने समाज के लोगों को उत्साहित करते हुए कहा कि आपके अंदर काफी शक्ति है। आप सभी लोग अपने वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा लीजिये। आज सरकारी महकमा में पोस्टल बैलेट से वोट चलता है। आपलोग भी आन्दोलन करिए, हम साथ देंगे कि सरकार ये इंतजाम करे कि हमारे समाज के जितने लोग भी कमाने बाहर गए हैं उसका रिकॉर्ड रखे और चुनाव के दौरान उन्हें या तो पोस्टल बैलेट दे या फिर उन्हें बुला कर वोट करवाए। अगर आपने आन्दोलन किया और सरकार ने बात मान ली तो समझ जाइए आने वाले दिनों में आपलोग भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कहा गया था कि आपको 2 लोकसभा और एक राज्यसभा की सीटें देंगे लेकिन हम कल ही देख रहे थे कि राज्यसभा की सीटों का बंटवारा हो गया है तो आप क्यों नहीं बोल रहे हैं। आप अपनी मांग क्यों नहीं कर रहे हैं कि अगर आप हमें राज्यसभा नहीं देंगे तो हम आपके साथ नहीं रहेंगे। 5 सीटों में दो दो सीटें भाजपा और जदयू तथा एक सीट लोजपा को दे दी गई। मेरे हिसाब से आपको यह क्लियर कर देना चाहिए। हम मानते हैं कि आपकी शक्ति नहीं है लेकिन आपको कोशिश तो करना चाहिए। आज भाजपा के बाद आपका वोट प्रतिशत सबसे अधिक है, स्ट्राइक रेट भी सबसे अधिक है। आप अगर सोच रहे हैं कि केंद्र में मंत्री हैं, बिहार में मंत्री हैं तो उसे छोड़ना पड़ेगा तो मोह छोड़ दीजिये। एक बार आपका संगठन अगर मजबूत हो जायेगा तो ऐसे कितने मंत्रिपद मिलेंगे। आप खुल कर बोलिए कि अगर हमें राज्यसभा नहीं दी गई तो हम साथ में नहीं रहेंगे।
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