पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सब कुछ ठीक होने का दावा करने वाला गठबंधन महागठबंधन में असल में सब कुछ बिल्कुल ही ठीक नहीं है। पहले चरण के नामांकन के अंतिम तिथि में महज एक दिन बचा है और अब तक महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनी है। सीट बंटवारा नहीं होने के बावजूद राजद, कांग्रेस समेत लेफ्ट दलों ने अपने उम्मीदवार को टिकट भी बाँट दिया और प्रत्याशी अपना नामांकन भी करवाने लगे हैं लेकिन इस गहमागहमी में VIP पार्टी का नाव डूबता हुआ दिखाई दे रहा है। इन सबके बीच बुरे फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं उप मुख्यमंत्री बनने का दावा करने वाले VIP चीफ मुकेश सहनी। पहले उन्होंने 60 सीटों की मांग की जिसके बाद राजद-कांग्रेस ने उन्हें 18 सीटों पर तैयार तो कर लिया लेकिन उसमें भी शर्त जोड़ दी कि कम से कम 10 सीटों पर कांग्रेस और राजद के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।
इतना ही नहीं मुकेश सहनी के उप मुख्यमंत्री बनने का सपना भी अब चकनाचूर होता हुआ दिख रहा है। महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं होने की वजह से नामांकन के अंतिम तिथि के एक दिन पहले तक मुकेश सहनी ने अपने एक भी उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है। हालांकि वे राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव के संपर्क में लगातार जरुर बने हुए हैं लेकिन उन्हें सीट की जगह कुछ मिल रहा है तो वह है आश्वासन। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि तेजस्वी यादव ने मुकेश सहनी को दो टूक कह दिया है कि अगर महागठबंधन में रह कर चुनाव लड़ना है तो फिर हमारी शर्तों को मानना पड़ेगा।
दो बार टाला प्रेस कांफ्रेंस
अब गुरुवार को मुकेश सहनी महागठबंधन में बात नहीं बनता हुआ देख कर अकेले चुनाव लड़ने का मन तो बनाया और दोपहर में प्रेस कांफ्रेंस भी बुलाई लेकिन फिर उनके पास दिल्ली से फोन आ गया। फोन के बाद उन्होंने अपने प्रेस कांफ्रेंस को 6 बजे तक के लिए टाल दिया जो कि इस समय भी नहीं की। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि मुकेश सहनी 60 सीटों से कम पर मान तो गए लेकिन वह चाहते हैं कि उम्मीदवार अपनी पार्टी का उतारें जबकि राजद-कांग्रेस उनके ऊपर दबाव बना रही है कि वे सिर्फ 8 सीटों पर अपना उम्मीदवार दे सकते हैं जबकि अन्य 10 सीटों राजद और कांग्रेस के उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही उनके उप मुख्यमंत्री बनने की मांग पर भी कोई सहमति नहीं बन रही है।
अब क्या करेंगे मुकेश सहनी?
मुकेश सहनी अब भारी पेशोपेश में फंस गए हैं कि आखिर करें तो करें क्या? उन्हें एक तरफ उप मुख्यमंत्री की कुर्सी दिखाई दे रही है तो दूसरी तरफ महागठबंधन में नाव डूबती हुई। उनके समझ में नहीं आ रहा है कि महागठबंधन से अलग हो कर चुनाव लड़ें या साथ क्योंकि अब वे NDA में भी नहीं जा सकते हैं। NDA के नेताओं ने एक सुर में कह दिया है कि हम पांच पांडव हैं और सीट शेयरिंग के साथ ही सभी दलों ने अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है। अब देखने वाली बात है कि अंतिम समय में अब मुकेश सहनी क्या निर्णय लेते हैं।