Motihari - गेट नहीं खोलने से नाराज पुलिस ने अपनी हनक दिखाते हुए गेटमैन के साथ मारपीट की और फिर उसे शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया, इससे संबंधित एक ऑडियो वायरल हो रहा है इसके बाद पुलिस महकमा में हर काम मचा हुआ है.. रेलवे ने SP को आवेदन देकर जांच की मांग की है, और संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डाल लें और जबरदस्ती झूठे मामले में फसाने का आरोप लगाया है. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद आम लोग शराबबंदी और पुलिस तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं.
या मामला पूर्वी चंपारण जिले का है, जहां गेटमैन की गिरफ्तारी को लेकर मोतिहारीं पुलिस और रेलवे प्रशासन आमने सामने आ गया है.मोतिहारी पुलिस ने दावा किया है कि गेटमेन शराब के नशे में था, तो रेलवे का दावा है कि गेट नही खोलने पर जितना पुलिस मारपीट कर रात में गेटमेन को उठा ले गई.
डीआरएम के आदेश पर चीफ मेडिकल ऑफिसर ने गेट मैन का ब्लड सैम्पल अल्कोहल जांच के लिए समस्तीपुर भेजा है.इधर जितना थाना के द्वारा गेट खोलने का दवाब बनाते हुए एक ऑडियो वायरल हो रहा है. पुलिस द्वारा गेटमैन को कोर्ट में हाजिर करते ही बेल मिल गया है. इसके बाद गेटमैन ने एसपी के नाम पर आवेदन दिया है.इधर रेलवे के जेई ने गेटमैन के साथ मारपीट और उठा ले जाने का आरपीएफ और जीआरपी को लिखित आवेदन दिया है.अब अगर रेलवे के जांच में अल्कोहल की पुष्टि नही होती है, तो संबंधित पुलिसकर्मी के साथ ही जितना थानाध्यक्ष की मुश्किले बढ़ सकती है.
बताते चले कि इससे पहले भी शराबबंदी कानून को लागू करने को लेकर पुलिस पर मिलीभगत और मनमानी का आरोप लगता रहा है. शराब की खरीद बिक्री में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से शामिल होने को लेकर कई पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर अब तक कार्रवाई भी हो चुकी है, वहीं पुलिस कर्मियों के द्वारा शराबबंदी कानून के दुरुपयोग की भी कई शिकायतें मिली है जिसमें पुलिस की कार्यशैली के खिलाफत करने या फिर उनके द्वारा की जा रही मनमानी का विरोध करने पर शराब पीने का आरोप लगाते हुए संबंधित लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाता है. इस तरह के मामले को लेकर हाई कोर्ट से भी बिहार पुलिस की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणी की जा चुकी है.