पटना: राज्य सरकार प्रदूषण मुक्त परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) के बेड़े में CNG बसों की संख्या बढ़ाने की तैयारी कर रही है। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को हुई विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। मंत्री ने बताया कि निगम फिलहाल 646 बसों का संचालन अपने स्तर पर करता है, जबकि 194 बसें PPP मॉडल के तहत चल रही हैं। इस तरह कुल 840 बसें राज्य भर में सेवाएं दे रही हैं, जिनमें 266 CNG और 25 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। 593 डीज़ल बसें भी आधुनिक तकनीक से लैस की गई हैं। उन्होंने आवश्यकता के अनुसार पर्यावरण-अनुकूल बसों की संख्या और बढ़ाने तथा नई बसों की खरीद को लेकर विभागीय स्तर पर विस्तृत मंथन शुरू करने की बात कही। अंतिम निर्णय समीक्षा के बाद लिया जाएगा।
187 रूटों पर नियमित सेवा, 6 प्रमंडलों में बढ़ा नेटवर्क
राज्य के छह प्रमंडलों में BSRTC की 187 रूटों पर नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। वहीं अंतर-राज्यीय कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए 14 बसें बिहार को झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से जोड़ रही हैं। मुजफ्फरपुर–रांची और गया–वाराणसी रूट पर दो-दो बसें एवं गया–रांची रूट पर रोजाना 10 बसें संचालित की जा रही हैं। इससे यात्रियों को समयबद्ध और सुलभ परिवहन सुविधा मिल रही है।
महिलाओं के लिए 100 पिंक बसें, सुरक्षा और सुविधा दोनों
महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए BSRTC कुल 100 पिंक बसों का संचालन कर रहा है। इनमें से 30 पटना, 20 मुजफ्फरपुर, 15–15 गया और दरभंगा तथा 10–10 बसें पूर्णिया और भागलपुर में चलाई जाएंगी। ये सभी बसें CNG से चलती हैं और इनमें सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन, पैनिक बटन, CCTV, GPS ट्रैकर, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, माइक–म्यूजिक सिस्टम और गर्भनिरोधक गोलियां तक उपलब्ध हैं।