बिहार में शिक्षकों से जुड़ा मामला इन दिनों गरमाया हुआ है. बीपीएससी के माध्यम से पहले चरण में शिक्षकों की बहाली कर ली गई है, जिनकी ट्रेनिंग अभी की जा रही है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव लगातार विभिन्न ट्रेनिंग सेंटर पर पहुंच रहे हैं और उन्हें दिशा-निर्देश दे रहे हैं. वहीं, दूसरे चरण में भी शिक्षकों की बहाली की शुरुआत कर दी गई है. इस बीच खबर है कि, राज्य के करीब 4 लाख नियोजित शिक्षकों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिलाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से नियमावली तैयार कर ली है. बस इस पर अब कैबिनेट की मंजूरी बाकी है.
जल्द कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना
कहा जा रहा कि, बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिल जाने की संभावना है. बता दें कि, इस नियमामली के तहत राज्यकर्मी का दर्जा हासिल करने के लिए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा को पास करनी होगी. परीक्षा पास करने के बाद नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने के बाद उनके पदस्थापन को लेकर उनसे तीन विकल्प मांगे जाएंगे. शिक्षक बताएंगे कि वह किस जिले के स्कूल में पदस्थापन चाहते हैं. इसको लेकर तीन विकल्प शिक्षा विभाग को देना होगा. इसके बाद मेधा सूची के आधार पर इन शिक्षकों का पदस्थापन होगा.
विशिष्ट शिक्षक कहलायेंगे नियोजित शिक्षक
आगे हम आपको यह भी बता दें कि, शिक्षा विभाग की ओर से नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास होने के लिए अधिकतम तीन मौके दिए जाएंगे. इस परीक्षा में विफल होने पर शिक्षक को सेवा से हटा दिया जाएगा. हालांकि, नियोजित शिक्षकों की मांग है कि, बिना किसी शर्त के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिले. उन्होंने इस परीक्षा को पास करने की शर्त का विरोध किया है. एक और गौर करने वाली बात यह भी है कि, जो भी नियोजित शिक्षा राज्यकर्मी का दर्जा पायेंगे, उन्हें विशिष्ट शिक्षक कहा जायेगा. हालांकि, इस नए शब्द को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है.