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उर्दू अभ्यर्थियों ने दी सरकार को चेतावनी

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सहायक उर्दू अनुवादक के द्वारा मंगलवार को बिहार कर्मचारी चयन आयोग का घेराव किया गया। घेराव करने वाले सैकड़ो प्रदर्शनकारी अपनी बहाली की मांग आयोग से करने पहुंचे थे। बता दें कि सहायक उर्दू अनुवादक ने सरकार व आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा है की 2019 की नियुक्ति आज तक आयोग के द्वारा नहीं की जा सकी है। 2021 में परीक्षा ली गई एवं 2022 के अगस्त महीने में काउंसलिंग भी कर दिया गया ।जिसमें 1294 अभ्यर्थी सफल हुए लेकिन इन सफल अभ्यर्थियों की अब तक नियुक्ति नहीं हो पाई है। अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले दो वर्षों से आयोग व सरकार के आला अधिकारियों के पास गुहार लगा रहे हैं लेकिन अब तक इन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी फिरोज ने बताया की सरकार हमारे साथ दोहरी नीति अपना रही है हम लोग अल्पसंख्यक हैं हमारा इस्तेमाल सिर्फ वोट की राजनीति करने के लिए किया जाता है। 2019 से 2024 के बीच लोकसभा व विधानसभा के चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं, बावजूद हम लोगों को आज तक सरकार के द्वारा न्याय नहीं मिल पा रहा है ।जिससे आक्रोशित होकर हम लोग बिहार कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय पहुंचकर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार व आयोग से सर द बहाली करने की मांग की है और सरकार को चेतावनी विधि है।कि यदि हमारी मांगे जल्द पूरी नहीं होती है तो आने वाले समय में हमारा आंदोलन और उग्र होगा और सरकार को विधानसभा चुनाव में सबक भी सिखाएंगे।

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