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मगध विश्वविद्यालय की कुव्यवस्था के खिलाफ ABVP ने किया प्रदर्शन..

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GAYA-मगध विश्वविद्यालय में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP )के कार्यकर्ताओं ने मगध विश्वविद्यालय कार्यालय का घेराव किया और अपनी मांगों के समर्थन एवं विवि अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की. 

इस मौके पर एबीवीपी के विभाग संयोजक शिवनाय ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चरणबद्ध तरीके से विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ रही है। कई वर्षों से विश्वविद्यालय परिक्षा तो रही है पर परिणाम नहीं दिया जा रहा है. छात्रों की समस्या का निदान नहीं हो रहा है . छात्र महाविद्यालय और विश्वविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है. इसलिए अपनी माँगो को लेकर वे लोग आंदोलन कर रही है और यह आंदोलन तब तक नहीं रुकेंगे जब तक छात्रों का सभी माँगें पूरी न हो जाए. 

जिला संयोजक अमन शेखर ने कहा की विश्वविद्यालय में समस्यायों की कमी नहीं है अगर गिनती करने लगे तो घंटों लग जाएंगे जैसे कि ना समय पर परीक्षा ले रहे हैं ना समय पर रिजल्ट दे रहे हैं ना समय पर डिग्री दे रहे हैं और मनमानी तरीके से फीस वसूली कर रहे हैं लगभग 1 वर्ष पहले मगध विश्वविद्यालय के नए कुलपति आए थे तो हमें और हमारे जैसे कई छात्र-छात्राओं को और छात्र नेताओं को इनसे काफी आशाएं थीं कि यह विश्वविद्यालय को सुधारेंगे लेकिन यह भी पूरी तरह से अपने काम को करने में फेल हो गए हैं 

विश्वविद्यालय को पूरी तरह से जर्जर कर दिया गया है. विश्वविद्यालय में मूल भूत सुविधाएं भी नहीं है. ना पानी की व्यवस्था है ना बाथरूम का. 100 किलोमीटर दूर से छात्र छात्राएं विश्वविद्यालय में आते हैं लेकिन उनके लिए बैठने की भी कोई व्यवस्था नहीं है 

विश्वविद्यालय में पूरी तरह से दलालों का कब्जा हो गया है जो पैसा लेकर के डिग्री निकलवाते हैं. नंबर बढ़वाते हैं.विश्वविद्यालय में छोटी-छोटी चीजों के लिए भी दलाल को पैसा देना पड़ता तभी काम होता है.

इसी क्रम में आज छात्र कल्याण अध्यक्ष ब्रजेश राय, कुलानुशासक उपेन्द्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक विनय कुमार,बीएड के डायरेक्टर सुशील सिंह  के साथ ABVP के कार्यकर्ताओं के साथ लिखित वार्ता हुई जिसमें मुद्दे पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिखित आश्वासन दिया.

स्नातक सत्र 2018-21, 2019-22, 2020-23, 2021-24 के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय खण्ड एवं 2023-27 के सेमेस्टर 1 के पेंडिग सभी रिजल्ट को 3 दिनों के अंदर प्रकाशित की जाए। क्योंकि सुधार के नाम पर छात्रो से महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के द्वारा अवैध वसुली की जा रही है।अभी तक के लिए गए परीक्षा का टी०आर० (स्नातक एवं स्नातकोत्तर) महाविद्यालय में उपलब्ध करवाया जाए।

स्नातक एवं स्नातकोत्तर के नामंकन के आवेदन के लिए जो शुल्क की वृद्धि हुई है को तत्काल प्रभाव से वापस लेते हुए पूर्व के भांति जो शुल्क लिया जा रहा को लागू करें।नामंकन के लिए स्नातक एवं स्नातकोत्तर के सभी वर्गों की छात्राओं एवं एस.सी./एस.टी. छात्र का शुल्क जो की पूर्व में देय नहीं था. उसे पुर्व के भांति रखा जाए। शुल्क लेने वाले महाविद्यालय प्रशासन पर तत्काल कारवाई की जाए।2022-24 एवं 2023-25 सत्र में नामांकन लेने वाले वैसे छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनवाया जाए जिनका रिजल्ट अभी तक पेंडिग है।

ऑनलाइन प्रॉसेस के नाम पर जो 100 रु० का अवैध शुल्क महाविद्यालय में लिया जा रहा है. इसको तत्काल प्रभाव से बंद करवाया जाए, एवं वैसे सभी महाविद्यालयों पर कारवाई की जाए।

 छात्र नेता और अधिकारियों के बीच हुई वार्ता में यह निर्णय लिया गया कि -

10 जून 2024 तक परीक्षा नियंत्रक महोदय ने सुनिश्चित किया कि स्नातक सत्र 2018-21, 2019-22, 2020-23, 2021-24 के सभी पेंडिग रिजल्ट प्रकाशित कर दिया जाएगा।15 जून 2024 तक टी०आर० उपलब्ध करा दिया जाएगा।

 रु० 400/- सामान्य कोटि/ओ०बी०सी० से एवं रु० 250/- एस०सी० एस०टी० शुल्क आवेदन के समय जमा करना होगा एवं कॉलेज जो पैसा रु० 300/500 प्रोस्पेक्टस ले रहे हैं. उसे बंद करेंगे। आज के बाद जो प्रधानाचार्य लेंगे उन पर कार्रवाई होगी।

डी०एस०डब्लू० आज ही इस संबंध में अंगीभूत महाविद्यालय के प्रधानाचार्यों को शुल्क (एस.सी., एस.टी. एवं छात्रा) नहीं लेने के संबंध में पत्र निर्गत करेंगे। साथ ही साथ कोई भी महाविद्यालय सी.एल.सी. देने के नाम पर अधिक राशि वसूली नहीं करेंगे।

अंगीभूत महाविद्यालय के प्रधानाचार्यों एवं छात्र संघ के दो प्रतिनिधि के साथ बैठक आहूत करने के लिए निर्णय लिया गया। साथ ही साथ जो महाविद्यालय रु० 100/- अधिक प्रॉसेसिंग चार्ज के नाम पर वसूल रहे हैं, उसे आज से ही बंद किया जाता है। साथ ही इस संबंध में एक जाँच समिति माननीय सिंडिकेट एवं सिनेट के सदस्य इसमें रहेंगे, बनाई जाएगी।

 इसके साथ ही छात्रों ने मांग की, कि सीनेट बैठक 2022 में जिन-जिन महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करवाने के लिए अनुमोदन किया गया था। उसे 2022-24 सत्र से स्वीकृति देते हुए नामंकन की व्यवस्था करवाया जाए।सभी महाविद्यालयों, सभी विभागों में मुलभुत संसाधन (पेय जल. शौचालय, छायादार शेड) को बनाया जाए।नवादा जिला के एक मात्र महिला महाविद्यालय में साइंस विभाग की मान्यता पुनः प्रदान की जाए।Ph.D. Viva के आयोजन के लिए सभी विभागों को 2 लाख रुपया अग्रिम भुगतान की गई थी, किन्तु उस राशि से वाह्य परिक्षकों को भुगतान नहीं किया जा रहा है।

सरकार को इस संबंध में पत्र भेजा जाए। कुलपति अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर के जल्द से जल्द पढ़ाई शुरू की जाए।सभी प्रधानाचार्यों को पत्र दिया जाए एवं विभाग एवं प्रशासनिक भवन के लिए कुलानुशासक एवं अभियंता शाखा के सभी अभियंताओं को 15 दिनों के अंदर इसे निष्पादन करेंगे एवं छात्र, छात्राओं एवं आगंतुकों के बैठने के लिए व्यवस्था करेंगे।

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