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हिंदू रीति-रिवाज से आम के पेड़ की शादी, कुंडली भी मिलवाई, दावत में पहुंचे ग्रामीण

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लड़का-लड़की, गुड्डे-गुड्डियों की शादी के बारे में तो आपने सुना ही होगा. लेकिन, क्या आपने पेड़ की शादी के बारे में कभी सुना है या देखा हगे ? दरअसल, यहां बात हो रही है बक्सर जिले की जहां ग्रामीणों के द्वारा आम के पेड़ की अनूठी शादी कराई गई. ग्रामीणों के समक्ष आम के पेड़ की शादी काठ के दूल्हे के साथ सम्पन्न कराई गई. इसके लिए पहले कुंडली मिलवाई गई. फिर हल्दी और मेहंदी की रस्म भी निभाई गई. इसके लिए तमाम ग्रामीणों को बाकायदा निमंत्रण भी भेजा गया था. 

शादी में शामिल होने वाले लोगों को दावत भी दी गई. इस शादी में शामिल होने वाले लोगों ने बाराती की तरह भोजन का लुत्फ लिया और वर-वधु को आशीर्वाद दिया. मान्यताओं के अनुसार, फलदार वृक्ष लगाने वाले लोग जब वृक्ष में पहली बार फल लगता है, तो उसका विधिवत शादी कराने के बाद ही उसका फल खाते हैं. सदियों से चली आ रही इस परंपरा को आज भी डुमरांव एवं बक्सर में ग्रामीण जीवंत रखे हैं. 

शादी समारोह का आयोजन करने वाले मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पांडेय पट्टी गांव निवासी रामप्रवेश पांडेय ने बताया कि, सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि जब वृक्ष में पहली बार फल आता है तो उसका विधिवत विवाह कराने के बाद ही उसका फल ग्रहण करना चाहिए. इस परंपरा का निर्वहन करते हुए जैसे अपने बेटे-बेटी का हिन्दू रीति-रिवाज से शादी करते हैं. उसी तरह अपने पुत्र और पुत्री की तरह इस शादी को सम्पन्न कराया गया.

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