लोकसभा से सस्पेंड कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को कहा कि अगर लोकसभा से सस्पेंशन वापस नहीं हुआ तो जरूरत पड़ने पर वे सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. संसद के मानसून सत्र के दौरान अधीर रंजन को गलत आचरण के चलते लोकसभा से सस्पेंड कर दिया गया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधीर रंजन चौधरी ने कहा, यह एक नई घटना है जिसे हमने संसद में अपने करियर में पहले कभी अनुभव नहीं किया है. यह विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सत्ताधारी दल की तरफ से जानबूझकर किया गया है. यह संसदीय लोकतंत्र की भावना को कमजोर कर देगा.
अधीर के सस्पेंशन के खिलाफ प्रस्ताव को लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. अधीर रंजन के सस्पेंड होने के बाद शुक्रवार को लोकसभा में मानसून सत्र के आखिरी दिन विपक्षी I.N.D.I.A. सांसदों ने हंगामा मचाया और सदन से वॉकआउट किया. सस्पेंशन के विरोध में सांसदों ने संसद के अंदर डॉ आम्बेडकर की मूर्ति तक विरोध मार्च किया.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अधीर रंजन चौधरी का बचाव किया. शुक्रवार को खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए ‘नीरव मोदी' शब्द का इस्तेमाल करने पर उनकी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी का लोकसभा से सस्पेंशन सही नहीं है, क्योंकि ‘नीरव' का मतलब ‘शांत' होता है.
बता दें कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान चौधरी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण गुरुवार को उन्हें सदन से सस्पेंड कर दिया गया था. उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया है.
अधीर रंजन ने कहा कि पीएम मोदी चांद से लेकर चीता तक पर बात करते हैं, लेकिन मणिपुर के मुद्दे विपक्ष की मांग के बावजूद बयान नहीं दे रहे थे. उन्होंने कहा कि विपक्ष को लगा था कि वे मणिपुर पर भी बोलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. विपक्ष सदन में ये गुहार लगाता रहा कि मणिपुर में हालात गंभीर होते जा रहे हैं, PM मोदी सदन में आकर अपनी बात रखें. अधीर ने कहा कि पीएम मोदी मणिपुर मुद्दे पर हमारी बात लगातार टालते रहे और फिर हम आखिरी विकल्प के रूप में अविश्वास प्रस्ताव लाए. जिस कारण पीएम ने सदन में आकर बात रखी.