चंद्रयान 3 की सफलता के बाद भारत का डंका पूरी दुनिया में बजा. पूरी दुनिया की तरफ से भारत को बधाइयां मिली. इसके साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो इस सफलता के लिए इंडियन स्पेस एजेंसी 'इसरो' का धन्यवाद करते नहीं थक रहे थे. इस बीच अब इसरो का दूसरा मिशन सूर्ययान भी दिन-प्रतिदिन सफलता की ओर कदम बढ़ा रहा है. दरअसल, अंतरिक्ष में भेजे गए आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट ने चौथे 'अर्थ बाउंड मैन्यूवर' को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. वहीं, इसे लेकर जानकारी 'इसरो' ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी.
वहीं, 'अर्थ बाउंड मैन्यूवर' को आसान शब्दों में कहा जाए तो इसका मतलब होता है, 'पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए उसके गुरुत्वाकर्षण बल के जरिए स्पेस में सफर के लिए स्पीड पैदा करना है'. इसरो के द्वारा दिए गए जानकारी के मुताबिक, इसरो के मॉरीशस, बेंगलुरू, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर और पोर्ट ब्लेयर के ग्राउंड स्टेशन के जरिए ऑपरेशन के दौरान सैटेलाइट को ट्रैक किया गया. आदित्य एल-1 के लिए फिजी द्वीप पर मौजूद ट्रांसपोर्टेबल टर्मिनल पोस्ट-बर्न ऑपरेशन में स्पेसक्राफ्ट की मदद करेगा.
आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट 256 km x 121973 km दूर मौजूद है. वहीं, अगला मैन्यूवर ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (TL1I) 19 सितंबर को रात दो बजे किया जाएगा. आपको यह भी बता दें कि, सूरज की स्टडी करने के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया आदित्य एल-1 भारत की पहली स्पेस ऑब्जर्वेटरी है. सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैग्रेंज प्वाइंट मौजूद हैं. लैग्रेंज प्वाइंट उस जगह को कहा जाता है, जहां से सूर्य को बिना किसी ग्रहण या अवरोध के देखा जा सकता है. वहीं, मैन्यूवर जैसे-जैसे सफलतापूर्वक आगे बढ़ता जायेगा वैसे-वैसे स्पीड और भी पैदा होता जायेगा. जिससे आगे के सफर के लिए जरूरी गति हासिल की जाएगी.