राजधानी पटना में मेट्रो का काम तेजी से जारी है. जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी गई है, बड़े-बड़े मशीनों की मदद से जल्द से जल्द मेट्रो के काम किये जा रहे हैं. इस बीच खबर है कि, मसौढ़ी रोड में मेट्रो डिपो निर्माण के लिए अधिग्रहण किए गए जमीन पर बने तीन पक्का मकान को प्रशासन की टीम ने बुधवार को ध्वस्त कर दिया. जिसके बाद मेट्रो के अधिकारियों, दंडाधिकारी सह लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी रियाज अहमद, मेट्रो के पदाधिकारी, जिला व थाना से आए पुलिस बल के साथ अभियान चलाने के लिए पहुंची टीम को देखते ही लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया. इसके बाद सभी को समझा-बुझा कर और सख्ती दिखाते हुए स्थिति से अवगत कराया गया.
दंडाधिकारी ने बताया कि, तीन पक्के मकानों को ध्वस्त किया गया है. जिसमें से एक ने मुआवजे की राशि ले ली है. जबकि दो लोग उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है. इन दोनों का भी चेक बना हुआ है. माननीय न्यायालय का जो आदेश होगा, उस पर कार्य होगा. अभी निर्माण कार्य में आ रही रुकावट को दूर करने के लिए तीन मकानों को ध्वस्त किया गया है. इस दौरान किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया गया. इधर, लोगों का कहना है कि, जमीन अधिग्रहण करने के विरोध में दायर याचिका मामला अभी उच्च न्यायालय में चल रहा है. इसमें फैसला सुरक्षित रखा गया है. इसके बाद भी कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना प्रशासन की टीम द्वारा बुलडोजर चला कर जबरन रजनीश कुमार, राकेश कुमार और गुप्गुता जी का मकान गिरा दिया गया है.
आगे यह भी कहा कि, इस कारण से लोग बेघर हो गए हैं. लोगों का यह भी कहना है कि, मकान ध्वस्त करने की इस कार्रवाई के पहले किसी तरह का कोई नोटिस नहीं दिया गया. जानकारी के मुताबिक, मामला यह है कि वार्ड संख्या 56 के पहाड़ी और रानीपुर मौजा में मेट्रो डिपो और प्रॉपर्टी डेवलपमेंट एरिया के तहत मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और रेसिडेंशियल क्वार्टर बनाने के लिए लगभग 75 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है. इसमें 37 पक्के मकान हैं. अब सरकार मेट्रो डिपो के लिए जमीन अधिग्रहण कर रही है. जिसके बाद लोगों का आक्रोश फूट पड़ा है.
पटना सिटी से सुधांशू रंजन की रिपोर्ट