AURANGABAD - 10 साल तक कोर्ट का चक्कर लगाने के बाद महिला को सूद समेत न्याय मिला. मामला औरंगाबाद और पटना जिला से जुड़ा हुआ है निर्मला देवी नामक महिला ने बीमा कराने के लिए बीमा कंपनी को राशि दी। कंपनी ने बीमा नही किया। बीमा नही होने पर महिला ने कंपनी से राशि वापस मांगा। राशि वापस नही होने पर बीमा कंपनी को वकालतन नोटिस दी गई फिर भी राशि नही मिली। थक हारकर महिला ने उपभोक्ता अदालत की शरण ली। अदालत ने 10 साल मामला चला और आखिरकार बुधवार को महिला को बीमा कंपनी से सूद सहित अपनी रकम मिली।
पटना शहर की निवासी निर्मला देवी ने बीमा पॉलिसी लेने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम की औरंगाबाद शाखा को 35 हजार की राशि जमा की थी। बीमा कंपनी ने महिला को राशि जमा की रसीद भी दी, जिसका बीओसी नंबर-49537 है। राशि जमा लेने के बाद भी बीमा कंपनी ने महिला का बीमा नही किया और न ही पॉलिसी सर्टिफिकेट दिया। इसके बाद से पीड़िता द्वारा बीमा कंपनी से लगातार राशि वापसी की मांग की जाती रही लेकिन राशि की भी वापसी नही हुई। कई साल बीत गए, फिर भी राशि की वापसी नही हुई। इतना तक की राशि वापस नही होने पर पीड़ित महिला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से बीमा कंपनी को वकालतन नोटिस भी भेजा लेकिन बीमा कंपनी ने वकालतन नोटिस का भी जवाब नहीं दिया।
निर्मला देवी ने आखिरकार थक-हारकर उपभोक्ता फोरम की शरण ली। पीड़िता ने उपभोक्ता फोरम, औरंगाबाद में वाद संख्या-62/14 दायर किया। वाद दायर होने के बाद से मामला लंबें समय तक चला और आखिरकार बुधवार को महिला को न्याय मिला और उसे सूद समेत राशि वापस हुई। 35 हजार के बदले सूद समेत मिली 59 हजार 600 की राशि मिली.
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, औरंगाबाद द्वारा बीमा कंपनी को पीड़िता को सूद सहित राशि वापस करने का आदेश दिया। आदेश के आलोक में बीमा कंपनी ने आयोग में आदेशित राशि का चेक जमा किया। इसके बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के सदस्य बद्रीनारायण सिंह ने पीड़ित महिला को एलआईसी से मिली 59,600 रूपयें का चेक पीड़िता निर्मला देवी को प्रदान किया। इस अवसर पर पीड़िता के अधिवक्ता कामाख्या नारायण सिंह भी मौजूद रहे।
औरंगाबाद से गणेश की रिपोर्ट