Desk- अन्ना आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी गजब की राजनीति कर रही है और देश में कई इतिहास बना रही है.
दिल्ली शराब घोटाले मामले में ED और CBI की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया और वे देश की राजनीतिक इतिहास में मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए जेल जाने और कई महीने तक वहां रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया, अब अरविंद केजरीवाल के पसंद पर दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी आतिशी भी नया एतिहासिक रिकॉर्ड बना रही है. वह न सिर्फ बयानों में खुद को खड़ाऊं CM बता रही है बल्कि इस तरह का व्यवहार भी कर रही है.
बताते चलें कि दिल्ली की आठवें मुख्यमंत्री के रूप में अतिसी ने शनिवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. आज वह मुख्यमंत्री कार्यालय में पदभार लेने पहुंची तो वह मुख्यमंत्री के लिए लगाई गई कुर्सी पर नहीं बैठी बल्कि बगल में एक अलग से कुर्सी लगवाई.
इसके बाद आतिशी ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए रामायण के कुछ अंश का जिक्र किया. मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि जिस तरह भरत जी ने खड़ाऊं रखकर सिंहासन संभाला था. ठीक उसी तरह मैं सीएम की कुर्सी संभाल रही हूं. इस दौरान उनके बगल में एक खाली कुर्सी भी दिखी. उन्होंने कहा कि ये कुर्सी केजरीवाल की वापसी तक इसी कमरे में इसी तरह रहेगी. कुर्सी को केजरीवाल का इंतजार रहेगा.
आतिशी ने कहा कि मेरी मन की व्यथा वहीं है जो भरत जी की थी जब राम जी 14 वर्षों के लिए वनवास गए थे. इस दौरान भरत जी को शासन संभालना पड़ा था. जिस तरह भरत जी ने खड़ाऊं रखकर शासन संभाला, उसी तरह आने वाले चार महीने के लिए मैं दिल्ली सरकार चलाऊंगी.
मीडिया कर्मियों के सवाल के जवाब में आतिशी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि वे अरविंद केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि जबतक दिल्ली वाले उनकी ईमानदारी साबित नहीं करते वो कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. दिल्ली के लोग दोबारा केजरीवाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएंगे.
वही आतिशी के इस कदम पर बीजेपी ने हमला बोला है. बीजेपी के नेताओं की माने तो आतिशी मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद की गरिमा को गिरा रही है. वह चमचागिरी की पराकाष्ठा तक जा रही हैं.