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लोकसभा के बाद अब राज्यसभा की बारी, आज 'महिला आरक्षण बिल' होगा पेश

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'महिला आरक्षण बिल' यानी कि 'नारी शक्ति वंदन विधेयक' आज इतिहास रच सकता है. दरअसल, कल ही संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हुई. लोकसभा के सांसदों ने अपना-अपना पक्ष रखा. जिसके बाद विधेयक के पक्ष में 454 और विरोध में दो मत पड़े और ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा से पारित कर दिया गया. वहीं, आज राज्यसभा की बारी है. आज राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश किया जायेगा. अगर राज्यसभा से भी बिल पास हो जाता है तो फिर यह राष्ट्रपति के पास जायेगा. जिसके बाद यदि राष्ट्रपति स्वीकृति देती हैं, तो यह कानून बन जायेगा. 

महिला आरक्षण विधेयक आज रच सकता है इतिहास  

बता दें कि, महिला आरक्षण बिल एक ऐतिहासिक विधेयक है. 1996 से 27 साल में कई बार यह अहम मुद्दा संसद में उठ चुका है. लेकिन दोनों सदनों में पास नहीं हो सका. जिसके बाद से लगातार इसे लेकर चर्चाएं होती रही. वहीं, संसद के विशेष सत्र में यह मुद्दा पूरी तरह से सुर्खियों में है. नतीजन, लोकसभा से कल इसे पास कर दिया गया. जिसके बाद आज राज्यसभा में इसे लेकर होने वाले चर्चा पर सबकी निगाहें टिकी है. चर्चा के बाद पारित कराने की तैयारी कर ली गई है. वहीं, सरकार को उम्मीद है कि राज्यसभा में भी सभी दलों के सहयोग से इसे पारित करा लिया जाएगा.

महिलाओं को मिलेगा 33 फीसदी आरक्षण  

बता दें कि, विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है. यह आरक्षण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा. संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद इस कानून को लागू कर दिया जाएगा, लेकिन प्रभावी होने के लिए जनगणना एवं उसके बाद परिसीमन तक इंतजार करना होगा. बता दें कि, राज्यसभा में इंडिया के खेमे में 96 सांसद हैं. 28 सांसद बीजद, वाईएसआर और अन्य छोटे तटस्थ दलों में हैं. जबकि तीन निर्दलीय हैं जिनका रुख स्पष्ट नहीं है.

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