बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत आज से हो गई. लेकिन, सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष का परिसर में जबरदस्त हंगामा देखने के लिए मिला. इस दौरान कई नेताओं ने अपनी-अपनी बातों को मीडियाकर्मियों के समक्ष रखा. इसी क्रम में आरजेडी के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने एक बार फिर से विवादित बयान दे दिया है. दरअसल, पिछले बार आरजेडी विधायक ने दुर्गापूजा के दौरान मां दुर्गा को काल्पनिक बताया था और इसके साथ ही कई तरह की बातें कही थी. वहीं, अब फतेह बहादुर सिंह ने एक और विवादित बयान दे दिया है. इस बार उन्होंने रामायण को ही काल्पनिक बताया दिया है.
श्रीराम और उनके सभी पात्र हैं काल्पनिक
दरअसल, विधानसभा परिसर में मीडियाकर्मियों की ओर से उनसे सवाल किया गया जिस पर फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि, श्रीराम और उनके सभी पात्र काल्पनिक हैं. आरजेडी विधायक ने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट और ललई यादव का हवाला देते हुए कहा कि, ललई यादव जी की सच्ची रामायण है. 1976 में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि, रामायण और उनके सभी पात्र काल्पनिक हैं. जिस बात को सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया, उसमें हमें मानने में क्या दिक्कत है. इस दौरान मीडियाकर्मियों ने पूछा कि, आपके नेता भी पूजा पाठ करते हैं. जिस पर उन्होंने कहा कि, अगर भगवान हैं तो उनके और भक्त के बीच बचौलिया का क्या काम है.
लालू यादव को बताया देवता
फतेह बहादुर सिंह ने यह भी कहा कि, उनके बयान से भक्त को नहीं बल्कि बिचौलिए को दिक्कत हो रही है. इस दौरान पत्रकारों ने यह भी पूछा कि, फतेह बहादुर सिंह पूजा करते हैं या नहीं ? जिस पर फतेह बहादुर ने कहा कि, मैं भी पूजा-पाठ करता हूं. जो हमें सब कुछ डेटा हैं. मैं उन माता-पिता की पूजा करता हूं. उन्होंने हमें ज्ञान दिया. सावित्री बाई ने महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिया और बाबा भीमराव अम्बेडकर ने संवैधानिक अधिकार और लालू यादव ने बिहार के गरीब, दलित और पिछड़ों को जुबान दिया. इन सब से बड़े देवता कोई नहीं हैं. वहीं, श्रीराम को काल्पनिक बताने के बाद एक बार फिर से फतेह बहादुर सिंह विवादों में घिर गए हैं.