BREAKING- नरेंद्र मोदी की सरकार अग्नि वीर योजना की समीक्षा कर सकती है क्योंकि गठबंधन सरकार के शपथ लेने से पहले ही इसकी मांग होने लगी है.एनडीए की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी नीतीश कुमार के जदयू के नेता ने खुलेआम यह मांग की है.
पार्टी के सीनियर नेता के.सी त्यागी ने मीडिया से बात करते हुए कहा इस लोकसभा चुनाव के दौरान अग्नि वीर योजना की वजह से भी एनडीए को कई जगह नुकसान हुआ है. अग्निवीर योजना से नौकरी लेने वाले जवानों के परिवार भी ज्यादा खुश नहीं दिख रहे हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि इस योजना की समीक्षा की जाए. इसके साथ ही कैसी त्यागी ने विशेष राज्य के दर्जे का भी मुद्दा उठाया है.
बताते चलें की अग्नि वीर योजना नरेंद्र मोदी की सरकार ने ही सेना के लिए लाई है. इसमें सेना की बहाली में बदलाव किया गया है और इस अग्नि वीर योजना का नाम दिया गया है. इस योजना के तहत अगर कल 100 जवानों की भर्ती होती है तो उसमें से 75 जवानों को 4 साल के बाद रिटायर कर दिया जाएगा. और उन्हें एकमुश्त कुछ राशि दी जाएगी, और बाकी 25 जवानों को सेवा में आगे के लिए कंटिन्यू किया जाएगा. अग्निवीर योजना आने के बाद से युवाओं का आकर्षण सेवा के बजाय अर्धसैनिक बलों और राज्य की पुलिस की तरफ ज्यादा हुआ है. वही इस योजना के खिलाफ देशभर में काफी आंदोलन भी हुआ था. लेकिन उसे समय नरेंद्र मोदी की सरकार इसे वापस नहीं ली थी ना ही इसकी समीक्षा की गई थी. लेकिन अब चुकी एनडीए की सरकार में भाजपा बहुमत से दूर रह गई है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. मोदी तीसरी बार 8 जून को पीएम पद के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं लेकिन उससे पहले ही गठबंधन दलों की तरफ से विभिन्न मुद्दों को लेकर दबाव शुरू हो गया है.
बताते चलें कि राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव समेत इंडिया गठबंधन ने यह वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो अग्निवीर योजना को खत्म कर दी जाएगी और पहले की तरह ही सेवा में जवानों की भर्ती की जाएगी.