एआईडीएसओ का प्रथम पटना नगर छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया।सम्मेलन के शुरुआत में संगठन का मूल प्रस्ताव रखा गया जो सर्वसम्मति से पारित हुआ।सम्मेलन में पटना नगर की शिक्षा की समस्या एवं केन्द्र सरकार द्वारा लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा की गई। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए एआईडीएसओ के अखिल भारतीय कमिटी के सचिवमंडल सदस्य मणिशंकर पटनायक ने कहा कि देश में शिक्षा- संस्कृति पर चौतरफा संकट जारी है। जिसे बचाने के लिए छात्र- छात्राओं को उच्च नीति, नैतिकता एवं आदर्श से लैस होकर सशक्त छात्र आंदोलन निर्मित करने की जरूरत है।एआईडीएसओ के बिहार राज्य सचिव विजय कुमार ने कहा कि राज्य की राजधानी पटना, जहां स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालय शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए जाने जाते थे। आज ये सभी शिक्षण संस्थान शिक्षकों की कमी, संसाधनों के अभाव तथा केंद्र व राज्य सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के कारण अपने हाल पर आंसू बहा रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति 2020 बची- खुची सरकारी शिक्षा व्यवस्था को खत्म कर इसे संपूर्ण निजीकरण व्यापरीकरण, सांप्रदायीकरण करने का ब्लू प्रिंट है।सम्मेलन में कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में हुए ट्रेनी डॉक्टर का बलात्कार एवं नृशंस हत्या एवं मुजफ्फरपुर जिला के पास में किशोरी की नृशंस हत्या सहित देश भर में छात्राओं एवं महिलाओं पर बढ़ते अपराध के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया।सम्मेलन के अंत में 12 सदस्यीय पटना नगर सांगठनिक कमेटी का घोषणा किया गया। जिसमें शिमला मौर्या को संयोजिका, लक्ष्मी कुमारी को सह संयोजिका, अनिशा कुमारी को कोषाध्यक्ष, सिमरन को कार्यालय सचिव चुना गया। कमेटी सदस्य संतोष कुमार, पीयूष कुमार, आरोही कुमारी, समीर कुमार, अभिजीत कुमार, नीति कुमारी, नेहा कुमारी रीति कुमारी चुने गए।सम्मेलन का उदघाटन एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के बिहार राज्य कमिटी सदस्य साधना मिश्रा ने किया एवं इस अवसर पर संगठन के राज्य उपाध्यक्ष राजू कुमार, राज्य सचिवमण्डल सदस्य पवन कुमार, राज्य कमेटी सदस्य नितेश कुमार आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।