DESK- चौथी क्लास की एक छात्रा को 200 अंकों के सब्जेक्ट में 212 अंक मिलने का अंक पत्र जब मिला तो वह खुशी से झूम उठी, पर परिवार के लोगों ने जब इस अंक पत्र को देखा तो अपना अपना सिर पीट लिया, क्योंकि 200 अंक के पूर्णांक में 212 अंक किसी भी छात्र या छात्रा को कैसे मिल सकता है. यह अंक पत्र सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है. इस अंकपत्र का संबंध गुजरात राज्य से है.
मिली जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह अंक पत्र गुजरात के दाहोद जिले के खरसाना गांव की रहने वाली वंशीबेन की है. जो कटारा स्थानीय प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई करती है. इस अंक पत्र के अनुसार गुजराती, गणित, पर्यावरण, हिंदी, अंग्रेजी और व्यक्तित्व विकास के नंबर थे. छात्रा बेहतरीन नंबरों (93.40%) से पास हुई है पर दो सब्जेक्ट के नंबर चौंकाने वाले हैं. वंशीबेन को गुजराती में 200 नंबर में 211 और गणित में 200 में से 212 नंबर मिले हैं, जबकि पर्यावरण में कुल 200 में से 169, हिंदी में 100 में से 94, अंग्रेजी में 100 में से 95 और व्यक्तिगत विकास में 200 में से 175 नंबर मिले हैं. जोड़ने के बाद 1000 में से कुल 965 अंक बन रहे हैं.
वंशी बेन अपने रिजल्ट से काफी खुश थी, पर परिवार वालों ने स्कूल की गलती पकड़ ली और फिर यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया. वंशीबेन के पिता मनीष कटारा ने इसकी जानकारी स्कूल के प्रबंधन को दी. शिकायत मिलते ही इसकी जांच शुरू की गई और प्रिंसिपल ने स्कूल की गलती को स्वीकार कर लिया, और बंसी बेन को नया मार्कशीट बनाकर फिर से दिया गया, लेकिन इस बीच बंसीबेन का पुराना मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जो स्कूल की कार्यशैली और लापरवाही को स्पष्ट रूप से इंगित करता है. वहीं विभाग को जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है और दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.