लोग व्यक्ति की सफलता देखते हैं, लेकिन उस सफलता के पीछे कितना लंबा संघर्ष छिपा रहता है, उसे भूल जाते हैं लेकिन किसी भी सफलता के पीछे लंबा संघर्ष छिपा होता है... कुछ ऐसी ही कहानी है रांची टेस्ट में डेब्यू करने वाले आकाश दीप की. इंग्लैंड के खिलाफ रांची टेस्ट में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया तो बिहार के लाल आकाश दीप को टेस्ट कैप पहनने का मौका मिला और 27 साल के तेज गेंदबाज का लंबे स्ट्रगल का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया.
द्रविड़ से मिला टेस्ट कैप
आकाश दीप ने अपने टेस्ट डेब्यू पर शानदार प्रदर्शन कर सभी का दिल जीत लिया है. रांची में खेला जा रहा भारत बनाम इंग्लैंड चौथा टेस्ट मैच तेज गेंदबाज के लिए जीवन बदलने वाला पल साबित हुआ. जब आकाश दीप को डेब्यू टेस्ट कैप सौंपी गई तो उस वक्त उनकी मां भी मैदान पर मौजूद थी. यक़ीनन ये क्षण हर किसी के लिए emotional कर देने वाला था. आकाश दीप को डेब्यू टेस्ट कैप किसी और ने नहीं बल्कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने सौंपी. लेकिन तेज गेंदबाज के लिए सब कुछ इतना आसान नहीं था. आकाश दीप वही तेज गेंदबाज हैं, जिसे कुछ साल पहले गुजारा करने के लिए क्रिकेट छोड़ना पड़ा था. तो आइये जानते हैं डेब्यू टेस्ट में इंग्लिश बल्लेबाजों के नाक में दम करने वाले आकाश दीप के संघर्ष की अनकही और अनसुनी कहानी ........
सासाराम के रहने वाले आकाश
बिहार के सासाराम के रहने वाले आकाश दीप को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था, फिर चाहे वो क्रिकेट खेलना हो या फिर देखना. लेकिन पिता को आकाश का क्रिकेट खेलना ज्यादा पसंद नहीं था. लेकिन आकाश के चाचा ने उसके क्रिकेट के प्रति लगाव को पहचाना और उसका समर्थन किया. आकाश नौकरी खोजने के बहाने दुर्गापुर चले गए. यहां एक लोकल अकैडमी में शामिल हो गए. थोड़े ही समय में उन्होंने अपनी तेज गेंदबाजी से प्रभावित करना शुरू कर दिया. लेकिन इससे पहले कि आकाश अपनी प्रतिभा को कुछ बड़ा कर पाते, उनके पिता को दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया. पिता की मृत्यु के दो महीने बाद आकाश के बड़े भाई की भी मृत्यु हो गई.
अब आकाश के परिवार में एक बड़ा संकट पैदा हो गया, घर में पैसों की किल्लत पड़ने लगी. अपनी मां की देखभाल के लिए आकाश को तीन साल के लिए क्रिकेट खेलना बंद करना पड़ा और घर चलाने के लिए पैसे कमाने पड़े. आकाश ने अपने जीवन की दिशा बदलने की कोशिश की लेकिन क्रिकेट के प्रति उनका प्यार उन्हें अधिक समय तक खेल से दूर नहीं रख सका. वह दुर्गापुर लौट आए और फिर कोलकाता चले गए, जहां वह पहले अपने चचेरे भाई के साथ एक छोटे से किराए के कमरे में रहने लगे, लेकिन अब आकाश दीप ने अपना पूरा ध्यान क्रिकेट पर लगा दिया. इसके बाद आकाश बंगाल अंडर-23 टीम में शामिल हुए और 2019 में डेब्यू किया. इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने आईपीएल 2022 सीजन से पहले उन्हें साइन किया. 23 फरवरी, 2024 को आकाश दीप टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले 313वें खिलाड़ी बने.
आकाश दीप ने अपने टेस्ट डेब्यू में जबरदस्त गेंदबाजी की छाप छोड़ी है. उन्होंने इंग्लैंड के टॉप-3 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया. उनकी गेंदबाजी को देखकर तो यही लग रहा है कि आने वाले समय में आकाश दीप भारतीय टीम के नए फास्ट बॉलिंग सेंसेशन बनेंगे. आपको क्या लगता है ? कमेन्ट करके बताएं.