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विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करेगी बिहार कांग्रेस

Akhilesh on nitish

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता के लालच में प्रदेश के विशेष राज्य के दर्जे से किनारा कर लिया है। कांग्रेस इसके लिए सड़क से सदन तक लड़ाई लड़कर अंजाम तक पहुंचाएगी। ये बातें बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कही।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने लगातार कई चुनावों और विधानमंडल में अपने दल और नेताओं के साथ बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाते रहें हैं। हाल में संसद में बजट पर चर्चा के दौरान मैंने भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग दोहराई। जिसमें मैंने कहा था कि बिहार हमेशा से सुखाड़ और बाढ़ की समस्या से ग्रसित है वहीं दूसरा स्वास्थ्य, शिक्षा सभी विकास के सभी पैमानों में अंतिम पायदान या अंतिम पायदान से ऊपर रहती है। इसपर मैंने सरकार से मांग रखी थी कि पिछड़ेपन का जो मानक बनाया गया है उसे बदला जाएं क्योंकि मानक सरकार ही बनाती है कोई यह प्राकृतिक या ईश्वर प्रदत्त नियम तो है नहीं। इसलिए इंडिया ब्लॉक के सभी साथियों ने दिल्ली में संसद में सदन में जाने से पूर्व इसपर विरोध दर्ज कराया था। इसको लेकर मैं बतौर प्रदेश अध्यक्ष घोषणा करता हूं कि बिहार कांग्रेस प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगा। इसके तहत आगामी 12 अगस्त को प्रदेश के वरिष्ठ नेतागण सभी जिला मुख्यालयों में प्रेस वार्ता करेंगे। 13 और 14 अगस्त को सभी प्रखंड मुख्यालयों पर विशेष राज्य के दर्जे को लेकर धरना कार्यक्रम आयोजित की जायेगी जिसमें जिला प्रभारी, विधायक, पूर्व विधायक, एआईसीसी और प्रदेश डेलीगेट, जिला पदाधिकारी शामिल रहेंगे। द्वितीय चरण में जिला स्तरीय एवं तृतीय स्तर पर राज्य स्तरीय आंदोलन प्रस्तावित है। साथ ही उन्होंने बिहार के इस हक हुकूक की लड़ाई में जनता के साथ मीडिया के भी योगदान और सहयोग की अपेक्षा की गई। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों की बैठक में सरदार बल्लभ भाई पटेल ने बिहार को सबसे अच्छा प्रशासित राज्य का दर्जा दिया था। बिहार का झारखंड से बंटवारे के बाद सारे खनिज अयस्क झारखंड चले गए। तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बिहार को 1 लाख 80 हजार करोड़ के पैकेज की बात कही थी लेकिन उन्होंने भी इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने बिहार के औद्योगिक विकास, रेल कारखाने को लेकर कांग्रेस के द्वारा किए गए कार्यों पर बताया कि इस राज्य के विकास में सबसे ज्यादा योगदान दिया। कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के हित में उठा रही है और यह मांग लगातार केंद्र द्वारा अनसुनी की जा रही है। पटना पूर्णिया एक्सप्रेस वे, पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने और गया डोभी में पहले औद्योगिक पार्क कोलकाता अमृतसर कोरिडोर का निर्माण कार्य, महाबोधी कोरिडोर निर्माण कार्य 2023 में ही शुरू करा देने का घोषणा हो चुकी है। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद इस पर कुछ काम नहीं हुआ। हमने तो देवघर को लेकर द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा धाम का विकास करने के लिए भी मांग की है।


 

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