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बढ़ती अपराधिक घटनाओं के बीच CM नीतीश कुमार ने की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश..

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Patna - बिहार में बढ़ती अपराधिक घटनाओं के आरोप के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में गृह विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

बैठक में मुख्यमंत्री को गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने गृह विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भू-समाधान पोर्टल के माध्यम से भूमि जनित मामलों का निरंतर अनुश्रवण कर समाधान किया जा रहा है, जिससे भूमि विवाद में कमी हो रही है। पहले जितनी हत्यायें होती थी, उसमें 60 प्रतिशत हत्यायें भूमि विवाद के कारण होती थी, अब यह घटकर 46.69 प्रतिशत हो गयी है। बैठक में गृह विभाग से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें। गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें, रात्रि गश्ती और तेज करें। रात्रि एवं पैदल गश्ती को और प्रभावी बनाने के लिये वरीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर रात्रि में स्वयं औचक निरीक्षण करें। कानून व्यवस्था को बनाये रखने में सभी पूरी तन्मयता से काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस और प्रशासन मुस्तैदी से कार्य करें तथा अपराध नियंत्रण हेतु पूरी सख्ती से कार्रवाई करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिये विभिन्न श्रेणियों में 2,29,139 पद स्वीकृत किये जा चुके हैं। 1,06,436 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। शेष रिक्त पदों पर बहाली शीघ्र करें। कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है जल्द-से-जल्द बचे हुए पदों पर पुलिस की बहाली होने से कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने में और सहूलियत होगी। हमने वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिये 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। अभी बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गयी है। बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए निर्धारित 35 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर रिक्तियों को जल्द पूर्ण करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से थानों में जो महिलायें शिकायत लेकर आतीं हैं, उन्हें समस्याओं के समाधान में सहूलियत हो रही है और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। महिला पदाधिकारी एवं महिला पुलिस कर्मियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अलग से व्यवस्था की गई है। वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद से हमलोगों ने सभी क्षेत्रों में विकास का कार्य किया है। महिलाओं को शिक्षित करने के साथ-साथ उनको स्वावलंबी बनाने के लिए भी कई कार्य किए गए हैं। महिलाएं शिक्षित भी हुई हैं और स्वावलंबी भी बनी हैं जिससे समाज और परिवार में सकारात्मक बदलाव आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं, जो अब घट रहा है। जानकारी दी गयी है कि 46.69 प्रतिशत हो गया है, यह अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाली अपराध की घटनाओं में पूरी तरह कमी आये। प्रशासन और पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नजर बनाये रखें।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, निदेशक सह महासमादेष्टा गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवायें  शोभा अहोतकर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव  कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार, गृह विभाग की विशेष सचिव श्रीमती के०एस० अनुपम, पुलिस महानिरीक्षक सह अपर समादेष्टा गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवा सुनील नायक तथा गृह विभाग के अपर सचिव अनिमेष पांडेय उपस्थित थे।

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