बिहार के सरकारी स्कूलों के टाइमिंग को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. शिक्षा विभाग की ओर से लेटर जारी करने के बावजूद समय को लेकर शिक्षकों के बीच संशय लगातार बरकरार है. तो वहीं, यह मुद्दा सदन में भी बड़े ही जोर-शोर से उठ रहा है. दरअसल, बजट सत्र के दौरान विपक्ष की ओर से स्कूल की टाइमिंग का मुद्दा उठाया गया. माले विधायक महबूब आलम ने इस मामले को उठाया. जिसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ. हालांकि, अब खबर है कि इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फैसला लेंगे. सीएम नीतीश कुमार समीक्षा बैठक करेंगे और समय को लेकर फैसला लिया जाएगा.
सीएम नीतीश करेंगे समीक्षा बैठक
बता दें कि, आज सदन में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने स्कूलों की टाइमिंग को लेकर हुए विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी. साथ ही सम्राट चौधरी ने आश्वासन दिया कि, इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी. जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा. बता दें कि, विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार व शिक्षा मंत्री की घोषणा के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से जो आदेश जारी किया गया है उससे संशय की स्थिति बनी हुई है. बुधवार को शिक्षा विभाग का एक लेटर वायरल हुआ जिसमें स्कूल की टाइमिंग में बदलाव का जिक्र था. लेकिन बाद में शिक्षा विभाग की ओर से इसे फर्जी लेटर करार दिया गया.
वायरल लेटर ने मामले को दिया तूल
वहीं गुरुवार को विधानसभा में भी यह मुद्दा फिर एकबार उछला. माले के सदस्यों ने इसे लेकर हंगामा किया. वहीं, बिहार में शिक्षकों के स्कूल आने-जाने के समय का मुद्दा पिछले कुछ दिनों से गरमाया हुआ है. इसे लेकर सियासत भी तेज हो चुकी है. बुधवार को सदन के बाहर माले के सदस्यों ने इसे मुद्दा बनाकर नारेबाजी की. वहीं उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि सीएम नीतीश कुमार की उपस्थिति में गुरुवार को ही शिक्षकों की टाइमिंग को लेकर एक बैठक होगी. मुख्यमंत्री की पूर्व में की गयी घोषणा को लागू कराया जाएगा. इससे पहले मुख्यमंत्री की घोषणा को ही शिक्षा मंत्री ने सबकुछ बताया और साफ किया है कि जो सीएम ने कह दिया है वही लागू होगा. जबकि विपक्ष लगातार के के पाठक पर निशाना साधकर मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी शिक्षकों के स्कूल आने-जाने के समय को लेकर शिक्षा विभाग के रवैये पर सवाल खड़ा करता रहा है. वहीं बुधवार को एक वायरल लेटर ने मामले को और तूल दे दिया.