पूर्व नौकरशाह अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार के रूप में सोमवार को सेवा विस्तार दे दिया गया. कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश से यह जानकारी मिली है. वर्ष 1985 बैच के झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी खरे 30 जून 2021 को सेवानिवृत्ति हुए थे. उन्हें अक्टूबर 2021 में दो साल के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार पद पर नियुक्त किया गया था.
कब तक के लिए बढ़ा अमित खरे का कार्यकाल?
आदेश के मुताबिक, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने भारत सरकार में सचिव स्तर के पुन: नियोजित अधिकारियों के मामले में लागू होने वाले सामान्य नियमों और शर्तों पर अनुबंध के आधार पर खरे के कार्यकाल को 12 अक्टूबर 2023 से 'प्रधानमंत्री के कार्यकाल की अवधि' तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है.
चारा घोटाले का अमित खरे ने किया था पर्दाफाश
अमित खरे ने वर्ष 1996 में चाईबासा में डीसी पद पर रहने के दौरान चारा घोटाला के पर्दाफाश किया था. चारा घोटाला ने बिहार की सियासत में भूचाल ला दिया था. इसके चलते लालू यादव को सीएम पद से इस्तीफा देकर जेल जाना पड़ा था.
नई शिक्षा नीति 2020 में रहा अमित खरे का योगदान
अमित खरे केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव के पद से 30 सितंबर 2021 को सेवानिवृत्त हुए. इनका केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 बनाने और इसे लागू करने में अहम योगदान रहा था.
झारखंड के मूल निवासी हैं अमित खरे
अमित खरे झारखंड की राजधानी रांची के मूल निवासी हैं. इनकी आरंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय हिनू (केवी हिनू) से हुई है. जबकि ग्रेजुएशन संत स्टीफन कॉलेज दिल्ली से किया. वहीं पीजीएम की पढ़ाई आईआईएम अहमदाबाद से की.