केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर बिहार दौरे पर आ रहे हैं. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह का सातवां बिहार दौरा होगा. अमित शाह 5 नवंबर को मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे. पताही एयरपोर्ट मैदान पर जनसभा होगी. पताही हवाई अड्डे पर आयोजित किसान रैली में करीब सवा दो घंटे रहेंगे. मुजफ्फरपुर से तिरहुत के 6 जिलों यानी कि पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली और मुजफ्फरपुर को साधने की कोशिश करेंगे. अमित शाह के दौरे को लेकर बिहार का राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है.
बिहार की राजनीति को देखते हुए भाजपा की यह किसान रैली बेहद महत्वपूर्ण इसलिए मानी जा रही है, क्योंकि यहां से लोकसभा चुनाव अभियान के लिए शंखनाद होगा. इस रैली में दो लाख से अधिक लोग आने का दावा भाजपा की ओर से किया जा रहा है. भाजपा के नेता यह भी दावा कर रहे हैं कि इस बार बिहार की सभी 40 सीट एनडीए जीतेगा.
मुजफ्फरपुर की अमित शाह की रैली को वैशाली के दृष्टिकोण से ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल मुजफ्फरपुर की रैली से अमित शाह उत्तर बिहार में पड़ने वाले मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले को साधेंगे. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बिहार में उनकी 8 वीं रैली है. अमित शाह अब तक अपनी 7 रैलियों के दौरान 17 लोकसभा क्षेत्रों और 100 से ज्यादा विधानसभा के इलाकों को कवर कर चुके हैं.
अमित शाह जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद वे पहली बार बिहार आ रहे हैं, इसलिए मुजफ्परपुर की उनकी रैली काफी अहम मानी जा रही है. दरअसल ऐसी संभावना है कि जातियों की नई रिपोर्ट के आधार पर सरकार बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने का फैसला कर सकती है. इसे सीएम नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. ऐसे में शाह मुजफ्फरपुर से जाति के खिलाफ नया एजेंडा सेट कर सकते हैं. इस इलाके में भाजपा के कोर वोटरों की संख्या अधिक है ऐसे में शाह आसानी से आया एजेंडा सेट कर सकते हैं.
बता दें कि शाह का यह दौरा रणनीतिक लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने 10 ऐसी सीटों को चिह्नित किया है जहां उसने अब तक चुनाव नहीं लड़ा था. दरअसल, इन दस सीटों पर अब तक भाजपा के कोई न कोई सहयोगी दल ही चुनाव लड़ते रहे हैं. इनमें किशनगंज, नवादा, गया, झंझारपुर, कटिहार, मुंगेर, पूर्णिया, सुपौल, वैशाली व वाल्मीकिनगर की सीटें हैं. कहा जा रहा है कि पार्टी ने यह तय किया है कि भाजपा की केंद्रीय टीम इन सीटों पर रैली करेगी.
अमित शाह बिहार दौरे पर जब भी आते रहे हैं निशाने पर नीतीश कुमार ही रहे हैं. हालांकि पिछली बार निशाने पर लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार था और नीतीश कुमार को सलाह देते नजर आ रहे थे. अब इस बार 5 नवंबर को जब मुजफ्फरपुर मैं रैली करेंगे तो देखना है उनके निशाने पर नीतीश कुमार होंगे या नहीं. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रैली को सफल बनाने के लिये पूरी ताकत लगा दी है.
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