नई संसद के पहले ही दिन आज सदन में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी के बयान पर जमकर हंगामा हो गया. दरअसल, कांग्रेस नेता ने अपने भाषण के दौरान दावा किया कि मनमोहन सिंह के सरकार के दौरान जो महिला आरक्षण बिल जो संसद में पेश किया गया था, वो अभी तक जिंदा है. यानी वो बिल पेडिंग है. अधीर के इस बयान के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता के दावे को गलत बताया और इसके बाद सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आज इस दिन केवल स्वागत करते हैं.
अधीर ने क्या कहा?
अधीर रंजन ने कहा कि राजीव गांधी की सरकार, नरसिम्हा राव की सरकार और मनमोहन सिंह सरकार ने अलग-अलग समय पर इस बिल को पास कराने का प्रयास किया. कभी राज्यसभा में पास होता था, लोकसभा में पास नहीं होता था. कभी लोकसभा में होता था राज्यसभा में गिर जाता था. इसके बाद अधीर ने दावा किया कि मनमोहन सिंह सरकार के समय जो महिला आरक्षण बिल आया था वो अभी तक जिंदा है. उसे राज्यसभा में पास किया गया था. अधीर ने कहा कि हमारी कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में जो प्रस्ताव पास हुआ उसमें ये मांग की गई है कि महिला आरक्षण के उस बिल को पास किया जाए, ये बहुत महत्वपूर्ण है. सोनिया ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था. हम फिर से उस मांग को दोहराते हैं.
अमित शाह ने उठाए सवाल
अधीर के बयान पर अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण बिल लोकसभा में कभी पास नहीं हुआ था. दूसरा- ये बिल पुराना लोकसभा में लंबित है, ये सही नहीं है. ये बिल 2014 में ही लोकसभा के विघटन के साथ ही निरस्त कर दिया गया. अधीर रंजन का ये बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है. मैं मांग करता हूं कि अधीर रंजन इस बारे में जो बोले हैं उसपर कोई कागजात है तो इसे पटल पर रखें या इसे रिकॉर्ड से दूर किया जाए.
शाह ने कहा-लोकसभा में कभी पास नहीं हुआ बिल
शाह ने कहा कि मेरा व्यवस्था का प्रश्न है. अधीर ने जो कहा कि वो तथ्यात्मक रूप से गलत है कि पुराना बिल अभी तक जीवित है. मेरी स्पष्ट जानकारी है कि पुराना बिल लैप्स कर गया है. इस बिल में लोकसभा में राजीव गांधी के समय पारित किया गया था, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ था. शाह ने कहा कि लोकसभा में जो बिल पारित होता है, अगर राज्यसभा उसको पारित नहीं करती है और लोकसभा का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तो वह बिल अपने आप लैप्स हो जाता है.