पूर्व सांसद व बाहुबली नेता आनंद मोहन जब से जेल से बाहर निकले हैं, वे लगातार एक्टिव मोड में दिख रहे हैं. इस बीच आज सहरसा में एम्स निर्माण को लेकर सहरसा बंद का आह्वान किया गया है. इस दौरान एक अलग ही नजारा देखने के लिए मिला. दरअसल, सहरसा बंद में आनंद मोहन को विभिन्न पार्टियों का साथ तो मिला ही. साथ ही उन्हें बीजेपी का भी समर्थन मिला. इस दौरान बड़ी संख्या में बीजेपी नेताओं का जमावड़ा देखने के लिए मिला. इस दौरान सड़क पर उतरकर लोगों से अपील की गई कि, सहरसा में एम्स महा अस्पताल निर्माण को लेकर सभी लोग अपना समर्थन दें और इस बंदी को सफल बनाएं.
मालूम हो कि एम्स निर्माण संघर्ष समिति के द्वारा पिछले 8 वर्षों से सहरसा में एम्स निर्माण को लेकर कदमताल किया जा रहा है. सहरसा में एम्स निर्माण को लेकर भूमि उपलब्ध है, जो सरकारी मापदंड को पूरा करती है. फिर भी सरकार के सौतेला व्यवहार से लोग खफा होकर आज सहरसा को बंद किए हैं. पूर्व सांसद आनंद मोहन भी इस सहरसा बंदी में शामिल हुए और पिछले दिनों से लगातार सहरसा में एम्स निर्माण को लेकर वह भी कदमताल कर रहे हैं और शहर से लेकर गांव तक लोगों को जागरूक कर रहे हैं. आनंद मोहन का कहना है कि, सारे लोगों का साथ मिलेगा तो सहरसा में एम्स का निर्माण जरूर होगा और आज की बंदी को सफल बनाते हुए सरकार के कानों तक यह आवाज पहुंचा रहे है कि, सहरसा के लोग अब जाग चुके हैं.
सरकार का सौतेला व्यवहार सहरसा के लोग अब बर्दाश्त नहीं करेंगे. सहरसा में जो भी समस्या है उसे जल्द से जल्द दूर किया जाए. स्वास्थ्य समस्या को देखा जाए तो एक भी बेहतर हॉस्पिटल सहरसा जिला में नहीं है. जिससे किसी भी बड़ी बीमारी का इलाज समय पर हो सके. मरीजों को पटना या दरभंगा रेफर कर दिया जाता है. कई बार ऐसा देखा गया है कि, मरीज की रास्ते में ही मौत हो जाती है. सहरसा बंदी में अगर बात की जाए तो हॉस्पिटल मेडिकल और भोजनालय को छोड़कर सभी दुकान बंद किया गया. व्यापारी वर्ग भी इस बंदी का पूर्ण रुप से समर्थन किये और उन लोगों ने भी कहा कि. सहरसा में एम्स महा अस्पताल का बनना बेहद जरूरी है क्योंकि यहां अधिकतर लोगों की जिंदगी दवा पर टिकी हुई है.