पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टल गई. केस के आज लिस्टेड नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. अब 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा. आनंद मोहन के वकील एपी सिंह के अनुसार कोर्ट की व्यस्तता की वजह से केस की लिस्टिंग नहीं हुई. इस कारण अब नई तारीख मिली है.
जस्टिस जेएस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच में ये सुनवाई होनी थी. सुनवाई के दौरान तय होना था कि आनंद मोहन की रिहाई बरकरार रहेगी या रद्द होगी. इससे पहले मई में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन से अपना-अपना पक्ष रखने के लिए कहा था. कोर्ट ने बिहार सरकार से आनंद मोहन की रिहाई के मूल रिकॉर्ड भी पेश करने को कहा था, जिसके आधार पर पूर्व सांसद को छोड़ा गया है.
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर आनंद मोहन की रिहाई को सही ठहराया है. पिछले सप्ताह आनंद मोहन की तरफ से भी जवाब दाखिल किया गया, जिसमें उन्होंने अपनी रिहाई को जायज बताया था.
बिहार सरकार ने कहा- किताबें लिखी, जो काम दिया वो पूरा किया
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि पूर्व सांसद ने जेल में रहते हुए 3 किताबें लिखीं हैं. जेल में उन्हें जो काम दिया गया, वो पूरा किया। राज्य सरकार ने राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का भी जिक्र किया है.
आनंद मोहन ने कहा- रिहाई का फैसला वैधानिक प्रकिया के तहत
आनंद मोहन ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिहाई को सही ठहराया है. 1994 में जी कृष्णैया हत्या मामले के दोषी आनंद मोहन ने सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में हलफनामा दायर किया था. उन्होंने कहा था कि जेल से उसकी रिहाई का फैसला वैधानिक प्रकिया का पालन करते हुए किया गया है.