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बढ गई आनंद मोहन की परेशानी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, 'तुरंत करें पासपोर्ट जमा'

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बिहार में चल रही तमाम सियासी हलचलों के बीच बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन की मुश्किलें बढ गई है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से आनंद मोहन के लिए बड़ा आदेश जारी कर दिया है. बता दें कि, आनंद मोहन की समय से पहले ही रिहाई कर दी गई थी. जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसके बाद आनंद मोहन के लिए आदेश जारी कर दिया गया है. मामले में सुनवाई के बाद कहा गया कि, गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह को तुरंत अपना पासपोर्ट जमा करें. साथ ही कहा गया कि स्थानीय पुलिस थाने में हर 15 दिन पर रिपोर्ट करें. बता दें कि, आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की पत्नी ने याचिका दायर की है.

पासपोर्ट जमा करने का दिया आदेश

जानकारी के मुताबिक, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि, प्रतिवादी नंबर 4 यानि कि आनंद मोहन सिंह को अपना पासपोर्ट स्थानीय पुलिस स्टेशन में जमा करने का निर्देश दिया जाता है और वो हर पखवाड़े उस पुलिस स्टेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. पीठ में न्यायमूर्ति केवी विश्‍वनाथन भी शामिल थे. पीठ ने यह कहते हुए कि, वो आगे कोई अवसर नहीं देगी, केंद्र सरकार से कहा कि अगर जरूरी हो तो एक सप्ताह के भीतर अपना हलफनामा दाखिल करें. मारे गए नौकरशाह की पत्नी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने केंद्र के चार सप्ताह के अतिरिक्त समय के अनुरोध का विरोध किया और कहा कि मामले को किसी न किसी कारण से पीछे नहीं धकेला जा सकता है. 

27 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

सिद्धार्थ लूथरा ने यह भी कहा कि, केंद्र सरकार को पिछले साल मई में एक नोटिस जारी किया गया था और याचिका की एक प्रति भारत के अटॉर्नी जनरल के कार्यालय को भी दी गई थी. मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को तय की गई है. पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी 2024 को तय की थी. इधर आपको याद दिला दें कि, बिहार जेल नियमावली में संशोधन के बाद आनंद मोहन सिंह को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया था. मारे गए आईएएस अधिकारी की पत्नी की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिहार सरकार ने 2012 के बिहार जेल मैनुअल में पूर्वव्यापी प्रभाव से संशोधन किया, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि आनंद मोहन सिंह को छूट का लाभ मिल जाए. तो वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आनंद मोहन की परेशानी बढ गई है.

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