PATNA- चुनावी मैदान में एक बाहुबली का मुकाबला करने के लिए दूसरे बाहुबली की सहायता ली जा रही है. इसका एक उदाहरण मुंगेर लोकसभा क्षेत्र को लिया जा सकता है, जहां राजद प्रत्याशी के रूप में बाहुबली अशोक महतो की नव नवेली दुल्हन अनीता देवी मैदान में है. तो दूसरी तरफ जेडीयू से वर्तमान सांसद ललन सिंह फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. ललन सिंह को परोक्ष रूप से मदद देने के लिए जेल में बंद बाहुबली अनंत सिंह पैरोल पर बाहर आएं हैं.
यूँ तो अनंत सिंह को यह पैरोल जमीन संबंधी कार्यों को लेकर दी गई है, पर इसकी टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि मुंगेर में 13 मई को मतदान है और उसके ठीक पहले अनंत सिंह पैरोल पर बाहर निकले हैं.वे मोकामा से कई बार विधायक रह चुके हैं, और उनके जेल जाने के बाद उनकी पत्नी नीलम देवी मोकामा से वर्तमान में विधायक हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में नीलम देवी ललन सिंह के खिलाफ महागठबंधन से प्रत्याशी थी, पर इस बार उन्होंने पाला बदल लिया है. आरजेडी से उपचुनाव जीतने के बाद भी वह जेडीयू के साथ आ गई है. मोकामा में अनंत सिंह एवं उनके परिवार की काफी पकड़ है. अनंत सिंह को एके -47 बरामदगी मामले में सजा होने पर उनके समर्थक नीतीश कुमार की सरकार से नाराज चल रहे थे. यही वजह है कि सरकार ने अनंत सिंह को चुनाव से ठीक पहले पैरोल पर बाहर निकाला है जिससे कि उनके के समर्थकों में सकारात्मक मैसेज जाए और वह जदयू प्रत्याशी के लिए ज्यादा मेहनत कर सकें. वहीं जेल से निकलने के बाद अनंत सिंह मोकामा के विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना करने का कार्यक्रम तय किया है . इस दौरान समर्थको का जुटाने भी होगा, और चुनावी माहौल में इसका सकारात्मक असर एनडीए प्रत्याशी के रूप में निश्चित रूप से पड़ेगा.
बताते चलें कि अनंत सिंह एक-47 बरामदगी मामले में सजा काट रहें हैं.जाता है. पिछले दिनों उनके बीमार होने की खबर आई थी जिसके बाद उन्हें आईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया था. और अब उन्हें 15 दिन का पैरोल मिला है.