बिहार के सबसे बड़े जेल बेउर आदर्श कारा में रविवार की सुबह कैदियों के दो गुटों के बीच झड़प हो गई. जहां आरजेडी के पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह के समर्थक एक दूसरे गुट के कैदियों से भिड़ गए. पूर्व आरजेडी विधायक अनंत सिंह ने जेल में अपने जान का खतरा बताया है.....बता दें कि बेउर जेल में पूर्व राजद विधायक राजबल्लभ यादव भी बंद हैं....हालात पर काबू पाने की कोशिश करने के दौरान चार कक्षपाल घायल हो गए हैं. उनके साथ भी मारपीट हुई.
दरअसल, रविवार की सुबह अचानक बेउर जेल में कैदियों के बीच मारपीट की घटना से जेल प्रशासन की नींद उड़ गई. हालात को संभालने के लिए सायरन बजाना पड़ा. पगली घंटी बजाए जाने से आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई. सूचना दिए जाने पर जेल के सभी पदाधिकारी दल-बल के साथ अंदर पहुंचे. प्रशासन के अधिकारी भी पहुंच गए और इसकी छानबीन शुरू की गई.
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की रात अनंत सिंह के वार्ड का दरवाजा खुला रह गया था. रात भर यह गेट खुला रहा. सुबह-सुबह जैसे ही अनंत सिंह और उनके समर्थकों को जानकारी मिली कि....हंगामा शुरू हो गया. अनंत सिंह ने आशंका जताई है कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है.
इस पूरे मामले पर बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी और मोकामा से आरजेडी विधायक नीलम देवी ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से सवाल किया है. उन्होंने ट्वीट कर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पार्टी से पूछा है कि क्या यही दिन देखने के लिए मोकामा की जनता ने मुझे चुन कर विधानसभा भेजा है. आरजेडी विधायक नीलम देवी ने कहा है कि सरकार अनंत सिंह पर अपनी चुप्पी तोड़े.
दरअसल, एके-47 मामले में बाहुबली अनंत सिंह पटना की बेऊर जेल में बंद है. अनंत सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि उनकी बैरक का गेट शनिवार को रातभर खुला हुआ था. उन्होंने कहा कि ये उनकी हत्या की साजिश थी. इसके बाद अनंत सिंह के समर्थकों ने जेल प्रहरियों के साथ मारपीट की थी. इसमें 4 प्रहरी घायल हुए थे........अनंत सिंह की बैरक का गेट खुलने की जानकारी मिलते ही उनके समर्थक जेल में ही धरने पर बैठ गए. जेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. इसके बाद जेल के सुरक्षाकर्मी पहुंचे और धरना खत्म करने को कहा. अनंत सिंह के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों और कक्षपाल के बीच तीखी नोकझोंक होने लगी. फिर दोनों तरफ से मारपीट होने लगी.
इसके बाद स्थिति कुछ संभल गई थी, उसके बावजूद पूर्व विधायक अनंत सिंह धरने पर बैठे रहे. उनके साथ कुछ समर्थक भी डटे रहे......इन्हें जबरन हटाया जाने लगा. इसी बीच, पूर्व विधायक की मौजदूगी में समर्थकों ने कक्षपालों पर लाठी-डंडे चला दिए. कक्षपालों और सुरक्षाकर्मियों ने भी लाठियां भांजी थी. हालांकि प्रशासन ने जेल में मारपीट करने को लेकर के अनंत सिंह और 11 कैदियों पर प्राथमिकी दर्ज की है.
जेल के अंदर हालात को काबू में करने के लिए पगली घंटी बजाई गई थी. रुक-रुक कर तीन-चार बार पगली घंटी बजी. पगली घंटी बजने के बाद कारा सुरक्षाकर्मियों ने सभी कैदियों और बंदियों को वार्ड में बंद कर दिया था......बता दें कि अगर जेल में किसी तरह की अनहोनी होती है या मारपीट की घटना घटती है तो जेल में अलर्ट के तौर पर लगातार पगली घंटी बजाई जाती है. जेल मैनुअल के अनुसार, ऐसी स्थिति में करीब पचास बार जेल की घंटी बजाई जाती है और कैदियों और जेल अधिकारियों को सचेत किया जाता है. जेल के भीतर जब भी किसी तरह की लड़ाई होती है या कैदियों के द्वारा जेल के अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की जाती है तब यह घंटी बजती है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल आईजी और सहायक जेल आईजी पहुंचे थे. डीएम के आदेश के बाद एसडीओ वहां पहुंचे थे. फुलवारी शरीफ एसडीपीओ पहुंचे. वहीं हालात को काबू में करने के लिए फुलवारी शरीफ, राम कृष्णा नगर समेत कई थानों की पुलिस पहुंच गई थी.
बेऊर जेल में हुई घटना को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने वहां की स्थिति को काबू में करने के लिए सदर एसडीएम और फुलवारी के एसडीपीओ समेत पुलिस बल को वहां भेजने का आदेश दिशा था. डीएम ने इन दोनों पदाधिकारियों को मामले की जांच करने के बाद 24 घंटे में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. डीएम ने कहा कि इस घटना में शामिल 31 कैदियों की पहचान कर ली गई है. इन सभी को बेऊर से दूसरे जेल में शिफ्ट किया जाएगा. फिलहाल जेल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सभी टावरों पर सुरक्षाकर्मी चौकस हो गए हैं.. मुलाकातियों को गेट से हटा दिया गया. जेल के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दी गई है.