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बिहार से प्रभावित हुई आंध्र प्रदेश की सरकार, लोकसभा चुनाव से पहले सुर्खियां तेज

Andhra Pradesh government influenced by Bihar, headlines int

बिहार सरकार के द्वारा पिछले साल बड़ा निर्णय लेते हुए जनता के हित में जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया गया और इसे भलीभांति पूरा भी किया गया. इसी के साथ बिहार सरकार के इस फैसले से एक ऐसा भी राज्य जो खूब प्रभावित हुआ और वहां भी जातिगत सर्वे कराने का निर्णय लिया. दरअसल, आंध्र प्रदेश की सरकार के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि आंध्र प्रदेश में भी बिहार की तरह जातिगत सर्वे किया जाएगा और इसकी शुरुआत भी कर दी गई है. राज्य सरकार की योजनाओं को उचित लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए यह उपाय शुरू किया गया है.‌ यह सर्वे 10 दिनों तक चलेगा. 

राजनीतिक सरगर्मी हुई तेज

इधर, सरकार के इस निर्णय के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. खासकर लोकसभा चुनाव से पहले इस जातिगत सर्वेक्षण को लेकर सुर्खियां तेज हो गई हैं. वहीं, जातिगत सर्वे कराने को लेकर राज्य सरकार का यह कहना है कि, इसका एक मात्र मकसद राज्य की लोक कल्याणकारी योजनाओं को उचित लाभार्थियों तक पहुंचाना है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, भविष्य में उन लोगों के विकास के लिए भी समर्पित योजनाएं बनायी जा सकेंगी. आपको यह भी बता दें कि, जाति सर्वेक्षण की शुरुआत वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी द्वारा शुक्रवार को विजयवाड़ा में डॉ. बी. आर. अंबेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण के साथ हुई. इस स्टैचू को "सामाजिक न्याय की प्रतिमा" नाम दिया गया है.

जाति सर्वेक्षण वाला दूसरा राज्य बना आंध्र प्रदेश

वहीं, बिहार के बाद आंध्र प्रदेश अब दूसरा राज्य है जहां जातिगत सर्वे किया जा रहा है. इसे लेकर राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सीएच श्रीनिवास वेणुगोपाल कृष्णा ने गुरुवार की शाम राजमुंदरी में संवाददाताओं से कहा कि, बिहार के बाद व्यापक जाति सर्वेक्षण करने वाला आंध्र प्रदेश देश का दूसरा राज्य होगा. कृष्णा ने कहा कि, इससे राज्य सरकार को सबसे पिछड़े वर्गों की पहचान करने में मदद मिलेगी ताकि कल्याणकारी योजनाओं को सही लाभार्थियों तक पहुंचाया जा सके. आपको यह भी बता दें कि बिहार में जातिगत सर्वेक्षण के बाद काफी हंगामा खड़ा हुआ था. आरोप लगे थे कि, राजनीतिक मकसद से जातिगत सर्वेक्षण करवाया गया था. इसके बाद पूरे देश में इसी तरह के सर्वे की मांग तेज हो गई थी. अब लोकसभा चुनाव से पहले आंध्र प्रदेश की सरकार में भी इसी तरह का निर्णय लिया है.

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