जिला पार्षद द्वारा स्वीकृत योजनाओं का कार्य पूरा कराए जाने के बावजूद लंबे समय से भुगतान नहीं होने के मसले पर जिला पार्षद सदस्यों का गुस्सा फूट पड़ा. बड़ी संख्या में एकजुट होकर जिला पार्षद सदस्य धरने पर बैठ गए और डीडीसी विनोद दुहन और उनके मातहतों को सभागार के अंदर बंधक बनाए रखा. इस मौके पर जिला पार्षद सदस्यों ने डीडीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. डीडीसी को बंधक बनाए जाने की सूचना पर पुलिस प्रशासन भी हरकत में आ गया.
एसडीएम राजेश कुमार और टाउन डीएसपी पीएन साहू पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. धरने पर बैठे लोगों से एसडीएम ने बात की तो सदस्यों ने कहा कि, हमने किसी को बंधक नहीं बनाया है. वे एसी में बैठे हैं और हम धूप व गर्मी में धरने पर बैठे हैं. इस पर एसडीएम जिला पार्षद सभागार में पुलिस बल के साथ गए और उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकाला. वहीं, इस बाबत डीडीसी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है.
ये परिवार के लोग हैं. कुछ योजनाओं की जांच चल रही है. इस वजह से विरोध जता रहे हैं. वहीं, धरना स्थल पर पहुंचे नगर विधायक डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि, जो योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं और काम पूरा हो गया है तो उसका भुगतान होना ही चाहिए. लेकिन, यदि किसी योजना को लेकर शिकायत है तो जांच होनी चाहिए. न कि सभी योजनाओं का भुगतान ही रोक दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, इस बाबत हमने भी पार्षद के पक्ष में अधिकारियों के समक्ष बात रखी थी लेकिन अब तक इस मसले पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. लिहाजा पार्षद सदस्य धरने पर बैठे हैं.
दरअसल, जिला पार्षद सदस्यों का कहना है कि उन्होंने विकास से जुड़ी स्वीकृत योजनाओं का कार्य करीब डेढ़ वर्ष पूरा करा लिया गया है. लेकिन, वैसी योजनाओं का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. भुगतान की मांग किए जाने पर जांच का हवाला देकर रोक दिया गया है. पार्षदों का कहना है कि, जिस भी योजना की शिकायत है उसी का भुगतान रोका जाना चाहिए न की सभी का. यह समस्या बीते डेढ़ वर्ष से बनी चली आ रही है. वहीं, डीडीसी को छुड़ाने आए एसडीएम राजेश कुमार ने कहा कि, डीएम के आदेश पर हम यहां आए थे. डीडीसी को साथ लेकर जा रहे हैं. डीडीसी से बातचीत के बाद पूरे मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.