बिहार संविदा ए एन एम संघर्ष मोर्चा एवं बिहार संविदा एन एच एम कर्मी संघ के आह्वान पर FRAS आदेश वापस लो, समान काम के लिए समान वेतन दो, चार माह से बकाये मानदेय का भुगतान करो, सभी NHM कर्मियों की सेवा नियमित करो, ऐच्छिक स्थानांतरण का प्रबंध करो, खाली पदों पर स्थायी नियुक्ति करो, स्वास्थ्य केंद्रों पर जन-सुविधाओं का प्रबन्ध करो,इत्यादि नारेवाजी के साथ अपनी सात सूत्री मांग पर महासंघ गोप गुट से सम्बद्ध बिहार संविदा ए एन एम संघर्ष मोर्चा एवं बिहार संविदा एन एच एम कर्मी संघ के आह्वान पर आंदोलन जारी है। राज्य के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में पहुंचे एएनएम-एनएचएम कर्मियों ने नारेवाजी की l एएनएम - एनएचएम कर्मियों का नेतृत्व बिहार संविदा ANM संघर्ष मोर्चा की राज्य संयोजिका अर्चना कुमारी, सह संयोजक उषा कुमारी , महासंघ (गोप गुट) के महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा, सम्मानित अध्यक्ष रामबली प्रसाद ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार,चंद्रशेखर मण्डल, लवकुश सिंह, चन्दन कुमार, राजेश अग्रवाल,आदि नेताओं ने किया । अपनी 7 सूत्री मांगों के पक्ष में नीतीश सरकार के कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगनेताओं ने प्रदर्शनकारी स्वास्थ्य कर्मियों को संम्बोधित करते हुए कहा कि आपके बदौलत राज्य की गरीब जनता को स्वास्थ्य सेवाएँ- सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं परन्तु राज्य के स्वास्थ्य कर्मियों की स्थिति खराब है जिसे ठीक करना राज्य सरकार का दायित्व है । समय पर मानदेय का भुगतान नहीं करना, कम मानदेय देकर श्रम का शोषण करना, समान काम का समान वेतन नहीं देना, स्वास्थ्य केंद्रों-उपकेंद्रों पर जरूरी जन-सुविधाओं का प्रबंध नहीं करना किसी भी लोकतान्त्रिक राज्य के लिए ठीक नहीं है l उन्होंने सिर्फ एएनएम-एनएचएम कर्मियों के लिए कार्य अवधि में FRAS विधि से तीन बार हाजिरी दर्ज करने के स्वास्थ्य विभाग के आदेश की कड़ी निन्दा करते हुए इसे कर्मचारियों को बंधुआ मजदूर बनाने वाला काला कानून बताते हुए सरकार से इसे अविलंब रद्द करने की माँग किया । नेताओं ने बिहार के कर्मचारी - शिक्षक- मजदूर आंदोलन का इतिहास बताते हुए कहा कि हम लड़े हैं-जीते हैं ,लड़ेंगे और जीतेंगे ।