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केके पाठक के एक और फरमान ने मचा दी खलबली, सुबह 8 बजे के पहले के लिए दिया नया काम

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बिहार में सरकारी स्कूल के शिक्षकों के काम तो कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. स्कूल से जुड़े सभी काम तो उन्हें करने ही पड़ रहे हैं. लेकिन, इसके अलावे भी कई सारे काम उन्हें शिक्षा विभाग की ओर से दे दिए जा रहे हैं. मालूम हो कि, गर्मी की छुट्टी में भी मिशन दक्ष को लेकर कक्षाएं संचालित की जा रही है. सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे तक बच्चों को शिक्षक स्कूल में पढ़ा रहे हैं. लेकिन, इस बीच एक और काम शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने उन्हें दे दिया है, जिसके लिए शिक्षकों को गली-गली घूमना पड़ेगा. दरअसल, जो फरमान केके पाठक ने जारी किया है, उसके मुताबिक बिहार के सरकारी स्कूलों के हेड मास्टर और टीचर सुबह 8 बजे से पहले अपने-अपने स्कूलों के आस-पास के इलाकों में घूमकर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करेंगे.

केके पाठक ने दिया नया आदेश

जी हां, केके पाठक के फरमान के मुताबिक हेडमास्टर और शिक्षक को अपने आस-पास के इलाकों में जाकर यह काम करना होगा. इसके बाद, सुबह 8 बजे से मिशन दक्ष की विशेष कक्षाओं के साथ-साथ अन्य कक्षाओं के बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं भी लगेंगी. बच्चों को सुबह 10:05 बजे से मिड-डे मील भी मिलना शुरू हो जाएगा. इसको लेकर केके पाठक के शिक्षा विभाग ने सख्त आदेश जारी कर दिया है. बता दें कि, ये विशेष कक्षाएं उन बच्चों के लिए के लिए है, जो या तो वार्षिक परीक्षा में असफल हो गए हैं या फिर परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं. इसके अलावा, अन्य कक्षाओं के बच्चों को भी विशेष कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति है. विशेष कक्षाओं के बाद बच्चों को मध्याह्न भोजन भी दिया जाता है. यह भी बता दें कि, 15 अप्रैल से शुरू हुई गर्मी की छुट्टियां 15 मई तक चलने वाली है. 

शिक्षकों का बढ़ा काम का बोझ

इधर खबर यह भी है कि, राज्य स्तरीय शिक्षा विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए गए निर्देशों के अनुसार सुबह 11 बजे से प्रत्येक संकुल संसाधन केंद्र पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होगी. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी प्रधानाध्यापकों और प्रभारी प्रधानाध्यापकों का शामिल होना है. सभी प्रधानाध्यापकों और प्रभारी प्रधानाध्यापकों को संकुल संसाधन केंद्र में रजिस्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी. साफ तौर पर कहा गया है कि, निर्देशों के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अनुपस्थित रहने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि, सूबे में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के काम का बोझ लगातार बढ़ रहा है. इससे पहले यह खबर आई थी कि, स्कूल की छुट्टी होने के बाद शिक्षक घर नहीं जायेंगे बल्कि मतदान को लेकर लोगों को जागरुक करेंगे. हर एक वोट का महत्व समझाकर वोटिंग के प्रतिशत को बढ़ायेंगे. तो कुल मिलाकर देखा जाए तो स्कूल आने के पहले और स्कूल की छुट्टी होने के बावजूद शिक्षक काम में लगे रहेंगे. स्कूल के साथ-साथ बाहर का काम भी उन्हें करना पड़ेगा.  

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