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एक और राजद नेता ने दिखाया बगावती तेवर, टिकट पाने की होड़ में रहे पीछे तो लिया बड़ा फैसला

Another RJD leader showed rebellious attitude, remained behi

बिहार की राजनीति में सियासी घटनाक्रम बड़े ही तेजी से बदल रहे हैं. बात करें महागठबंधन की तो यहां नेताओं के बीच काफी ज्यादा हलचल देखने के लिए मिल रही है. ऐसे में लालू यादव की पार्टी आरजेडी को एक और तगड़ा झटका मिला है. पार्टी के जाने-माने नेता ने बगावती तेवर दिखा दिए हैं और निर्दलीय चुनाव लड़ने पर अब मंथन भी कर रहे हैं. बता दें कि, राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबी और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह ने राजद छोड़ने का एलान किया है. इतना ही नहीं, पार्टी से अलगाव का निर्णय लेने के साथ ही उन्होंने आरजेडी पर धोखेबाजी करने का आरोप भी लगाया है. 

लालू यादव की बेटी पर कही ये बात

बता दें कि, लोकसभा चुनाव को लेकर पिछले दिनों तमाम पार्टियों के बीच टिकट पाने की होड़ दिखी. राजद के खाते में कुल 23 सीटें गई. ऐसे में रणधीर सिंह को पार्टी की ओर से महाराजगंज से टिकट मिलने की उम्मीद थी. लेकिन, यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई, जिसके बाद से वह नाराज थे और अब बड़ा फैसला लेते हुए पार्टी से अलग होने का ऐलान कर दिया है. वहीं, पार्टी को छोड़ने का ऐलान करने के दौरान रणधीर सिंह ने कहा कि, महाराजगंज लोकसभा सीट पर टिकट के वे दावेदार थे लेकिन उनका टिकट काट दिया गया. अगर वे हार के लिए जिम्मेवार थे तो फिर लालू यादव की बेटी भी हारी थी, तो उन्हें फिर क्यों टिकट दिया गया. 

लालू यादव पर भी लगाया आरोप

साफ तौर पर रणधीर सिंह ने लालू यादव की बेटी को निशाने पर ले लिया. बता दें कि, रणधीर सिंह ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई थी. बैठक में पार्टी के नेताओं के सामने उन्होंने सवाल किया कि, आखिर उनकी क्या गलती थी कि उनका टिकट काट कर सीट कांग्रेस के खाते में डाल दिया गया. अगर चुनाव हारना उनकी गलती है तो फिर उनकी बेटी भी चुनाव हारी थी तो उन्हें टिकट क्यों दिया गया. रणधीर सिंह ने लालू यादव पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि, अगर पार्टी चाहती तो यह सीट कांग्रेस को नहीं देती लेकिन जानबूझ कर उनकी टिकट काटी गई है. उन्होंने कहा कि, 28 अप्रैल को कार्यकर्ताओं की एक बैठक है और बैठक में कार्यकर्ता निर्धारित करेंगे कि मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूं या नहीं.

कांग्रेस से हो सकता है मुकाबला

इस बीच आपको बता दें कि, महाराजगंज सीट प्रभुनाथ सिंह के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है. इस सीट पर सांसद रहे प्रभुनाथ सिंह के जेल जाने के बाद उनके बेटे रणधीर सिंह लगातार संघर्ष कर रहे थे. इसी बीच गठबंधन में ये सीट कांग्रेस को दे दी गई. जिससे नाराज रणधीर सिंह ने अब बागी तेवर दिखाएं हैं. 28 अप्रैल को यह फैसला होगा कि क्या रणधीर सिंह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे. इधर, महाराजगंज से बीजेपी सांसद जनार्दन सिग्रीवाल को पार्टी ने तीसरी बार रिपीट किया है. अगर रणधीर सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो उनकी सीधी लड़ाई कांग्रेस प्रत्याशी से होगी.

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