लगातारअपराधिक आंकड़े विपक्ष दिख रहा है लेकिन जो सत्ता प्रतिष्ठा के नायक हैं वह अचेत अवस्था में है हम लगातार कह रहे हैं पिछले तीन-चार दिनों में 87 लूट हत्या बलात्कार की घटना सुर्खियों में आया है बिहार अपराधियों की चपेट में है हर कोई डरा और सहमा एक रिटायर अधिकारी जूते के नोक पर पुलिस तंत्र को चलना है पुलिस हेडक्वार्टर की सुनी नहीं जाती है अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है और सत्ता संरक्षित अपराध फल फूल रहा है अब तो डर लगता है भाई निकलेंगे तो सकुशल वापस लौटेंगे कि नहीं यहां तक की भाजपा के नेता भी सुरक्षित नहीं है विपक्ष की तो बात ही छोड़ दीजिए ज्योंही अपराध पर आंकड़े प्रस्तुत किए जाते हैं बिहार में जो जदयू और भाजपा की गैंग वाली सरकार तिलमिला जाती है जड़ा भी शिकायत सुनने की आदि नहीं हैं कम से कम एक बार आत्म विश्लेषण कर लीजिए की बिहार को कहां ले जा रहे हैं जहां और भ्रष्टाचार संस्थागत बन चुका है अपराध सत्ता का संरक्षण प्राप्त कर लिया है। तो बिहार भगवान भरोसे ही है।