पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA और महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर काफी गहमागहमी चल रही है। पिछले दो दिनों से एक तरफ जहां भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने विभिन्न दलों के साथ ताबड़तोड़ बैठक की तो दूसरी तरफ महागठबंधन में भी मैराथन बैठक चल रही है। इस बीच सोमवार को कांग्रेस के आला नेताओं ने राजधानी पटना के एक निजी होटल में गुपचुप तरीके से एक बैठक की। बैठक में बिहार चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग समेत बिहार चुनाव को लेकर गहन मंथन की गई।
इस बीच कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर आलोक शर्मा ने राजधानी पटना में एक प्रेसवार्ता की। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार कांग्रेस प्रदेश कमिटी ने बिहार में 20 साल 20 सवाल अभियान की शुरुआत की है। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत NDA की सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह समझ नहीं आ रहा है ये लोग कर क्या रहे हैं? बिहार कभी शिक्षा की धरती रही है और अभी के समय में बिहार में शिक्षा की स्थिति क्या है। कहा जाता है कि जैसा राजा वैसी प्रजा, जिनकी डिग्री का आज तक पता नहीं चला वे बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय जैसी शिक्षा की धरती को चला रहे हैं।
कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर आलोक शर्मा ने कहा कि भाजपा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार में चुनाव प्रभारी बनाया है तो हम कांग्रेस की तरफ से उनसे कुछ तीखे सवाल करेंगे। उन्होंने देश में नई शिक्षा नीति से लेकर हर चीज में आपने अपने मंत्रालय में जो बंटाधार किया है उसके अनुसार आपको किस आधार पर बिहार चुनाव प्रभारी बनाया गया है। इनके कार्यकाल में ही पिछले वर्ष यूजीसी नीट की परीक्षा एनटीए ने इन्हीं मंत्री के अधीन ली थी और आरएसएस के लोग उस एजेंसी के अंदर बैठे थे। उन लोगों ने छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश होते हुए एजेंसी में बैठे और जिस तरह से उनलोगों ने गबन किया वह आपसे छुपा हुआ नहीं है। धर्मेंद्र प्रधान की कॉल डिटेल्स ले कर लोग सड़कों पर घूम रहे थे, उन्हें बताना चाहिए कि लाखों बच्चों का भविष्य खराब कर अब बिहार के बच्चों का भविष्य खराब करने आये हैं।
बिहार आज के समय में पेपर लीक के लिए बदनाम हो गया है। जिस बिहार से शिक्षाविद, आईएएस और आईपीएस विश्व भर में जाते थे आज जदयू - भाजपा की सरकार ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को किस हालत में पहुंचा दिया है। हम धर्मेंद्र प्रधान से पूछना चाहते हैं कि नीट पेपर लीक में जो लोग यहां पकडे गए थे वे कौन थे, नीट के पेपर में तीन दिन तक सेंटर बदलने के लिए जो विंडो खोला गया था वह किनके स्कूल में अधिकांश बच्चे गए थे। उन्हीं सेंटर पर अधिकतर जालसाजी हुए थे। आप बताएं कि नीट की परीक्षा रद्द क्यों नहीं की गई।
आलोक शर्मा ने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि प्रधानमंत्री को आज तक किसी ने स्कुल जाते नहीं देखा और उनकी डिग्री कहाँ से आई किसी को पता नहीं चला। वे लोग बिहार को बदनाम कर रहे हैं। आलोक शर्मा ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर तंज कसा और कहा कि एक मुरेठा वाले मंत्री घूम रहे हैं यहां, उनसे कुछ पूछिए तो कहते हैं कि एफिटडेविट में लिख दिया है न हमने। आपको एफिटडेविट बोलना नहीं आ रहा है, आप डीलिट् की डिग्री ले कर घूम रहे हैं, आप कभी जेल जाते हैं, कभी बाहर आ जाते हैं। उनके ऊपर इतने खुलासे के बावजूद चुनाव आयोग ने कोई संज्ञान नहीं लिया है। बिहार में सरकार उनकी है, पुलिस उनकी है लेकिन चुनाव आयोग जिस पर भाजपा के पिट्ठू बनने के आरोप लग रहे हैं वह संज्ञान लेकर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है।
आलोक शर्मा ने कहा कि जो भाजपा शिक्षा का अलख जगाती थी आज वैसे लोगों को मंत्री बना रही है जिनके डिग्री का कोई पता ही नहीं है। वे लोग पटना विश्वविद्यालय को न तो केंद्रीय विश्वविद्यालय की उपाधि दिलवा सके न बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवा पाए वे लोग डी लिट् की डिग्री लेकर घूम रहे हैं। बिहार में हजारों स्कूल बंद हो गए, और दूसरी तरफ बिहार में पेपर लीक होना आम बात हो गया है। आप दूसरे पर जंगलराज का आरोप लगाते हैं और एक बिहार में पेपर लीक नहीं रोक पा रहे हैं। बिहार में प्रतिदिन एक हजार के करीब आपराधिक मामले दर्ज होते हैं और आप उस पर कण्ट्रोल नहीं कर पा रहे हैं। लोकतंत्र में इस से बड़ा जगंलराज नहीं हो सकता है।
आपने बीस वर्षों में क्या किया जब बिहार में शिक्षा बदहाल है। बिहार में राष्ट्रीय औसत के एक चौथाई से भी कम कॉलेज बिहार में है, स्कूल बंद हो रहे हैं। एक समय था जब बिहार का पटना एसएससी और यूपीएससी का गढ़ होता था आज यहां आरएसएस का कब्ज़ा हो गया है। उन्होंने मंत्री अशोक चौधरी पर भी तंज कसा और कहा कि नौकरी के लिए बच्चे सड़कों पर घूम रहे हैं और यहां रातों रात मंत्री असिस्टेंट प्रोफेसर बन जाते हैं। पता ही नहीं चल रहा कि उन्हें कहाँ से नौकरी मिल गई।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आलोक शर्मा लगातार आरएसएस पर हमलावर रहे और कहा कि आरएसएस की सोच है कि पांच किलो अनाज दे दो और बाकि मुद्दे को दबा दो। पूरी शिक्षा व्यवस्था का इन लोगों ने बेरा गर्क कर दिया है। उन्होंने धर्मेंद्र प्रधान को बिहार चुनाव प्रभारी बनाये जाने पर सवाल किया और कहा कि भाजपा क्या संदेश देना चाहती है? इतने पेपर लीक में क्या सब कार्रवाई हुई, सरकार बताये।