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बैकफुट पर आये अशोक चौधरी,स्पष्टीकरण देते हुए कहा - कुछ लोगों के लिए ही कही ये बातें

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नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के भूमिहारों पर विवादित टिप्पणी करने से जदयू में मचे घमासान के बाद शनिवार को अशोक चौधरी ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि जहानाबाद में उन्होंने जो टिप्पणी की थी उससे किसी जाति को आहत करने का कोई मकसद नहीं था. कुछ लोग विरोध में ऐसी बातों को हवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि भूमिहार जाति के साथ हमेशा से उनके बेहतर सम्बंध रहे हैं.  भूमिहार जाति से अपने नजदीकी रिश्ते बताते हुए कहा कि मेरे पिता जी को भूमिहार ने पढ़ाया.  श्री कृष्ण बाबू के कारण मेरे पिता पढ़े. मैं भी भूमिहार की गोद में पला हूँ. इसलिए भूमिहार को अपमान करने का आरोप निराधार है.
उन्होंने कहा कि जब शेखपुरा में कांग्रेस नेता राजो सिंह के साथ उनकी सियासी लड़ाई थी तब भी कुछ लोगों ने ेउन्हें भूमिहार विरोध के रूप में पेश किया था जबकि वहीं से चुनाव लड़कर उन्होंने जीत हासिल की. बाद में भी चुनाव जीता. भूमिहार जाति के लोगों ने उन्हें वोट दिया था. उन्होंने कहा कि अब कुछ बयानवीर लोग हैं जो वोट भले ना दिला पाते हों लेकिन गलत तरीके से बातों को पेश कर रहे हैं.  

वहीं अपने दामाद शायन कुणाल के घोसी विधानसभा से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने इसका खंडन किया. अशोक चौधरी ने कहा कि कुछ लोग उनके दामाद को लेकर तरह तरह की अफवाह उड़ा रहे हैं. कभी कहा जाता है कि वे शेखपुरा से चुनाव लड़ेंगे तो कभी घोसी का नाम लिया जाता है. उन्होंने कहा कि उनके दामाद के पिता किशोर कुणाल कहीं बड़े छवि वाले व्यक्तित्व हैं. ऐसे में अगर शायन कुणाल को चुनाव लड़ने के लिए ससुर के नाम की जरूरत नहीं है. 

दरअसल, जहानाबाद में भूमिहार को लेकर अशोक चौधरी ने कहा था कि कुछ लोग जात-पात की राजनीति करते हैं. क्या नीतीश कुमार ने ऐसा किया कि जहां भूमिहार का गांव होगा वहां सड़क नहीं बनेगी. लेकिन जब आप अतिपिछड़ा को बनाते हैं तो भूमिहार लोग भाग जाते हैं. कहते हैं हम वोट नहीं देंगे. उन्होंने भूमिहार को लेकर कहा था कि जो लोग कलकत्ता, दिल्ली, मंबई घूम रहे थे वो चाहते हैं कि विधानसभा पहुंच जाएंगे तो यह गलत बात है. ऐसे लोगों को टिकट नहीं देने की बातें अशोक चौधरी ने की थी. वहीं अशोक चौधरी ने कहा कि भूमिहार को अच्छे से जानते हैं. उनकी तो बेटी की शादी भूमिहार से हुई है. 

अशोक चौधरी के बयान पर कई नेताओं ने आपत्ति जताई. जदयू में भी इसे लेकर भूचाल मच गया. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने अशोक चौधरी को नसीहत दी कि वे जाति -धर्म की राजनीति ना करें. सीएम नीतीश हमेशा से सभी जाति को साथ लेकर चलते हैं. लेकिन किसी जाति विशेष पर वोट नहीं देने का आरोप लगाना अनुचित हैं. उन्होंने अशोक चौधरी से सवाल किया कि कटिहार में जदयू उम्मीदवार कैसे हार गए, वहां के प्रभारी तो अशोक चौधरी ही थे. उन्हें इस पर सफाई देनी चाहिए. 

पूर्व सांसद अरुण कुमार और जहानाबाद से आने वाले दिग्गज नेता जगदीश शर्मा ने भी अशोक चौधरी के बयान पर सख्त आपत्ति जताई. इसे भूमिहार समाज का अपमान बताया. जदयू के पूर्व जहानाबाद जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने कहा कि अशोक चौधरी के ऐसे बयानों के कारण चुनाव में जदयू उम्मदीवार की हार हुई. अब वे भूमिहार समाज पर निराधार आरोप लगा रहे हैं. गोपाल शर्मा ने अशोक चौधरी से इसके लिए माफ़ी मांगने की मांग की. 

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